Facts of Coffee : कुछ व्यक्तियों को Coffee ‘कड़वी’ लगती है जबकि कुछ को ‘कड़वी नहीं’ लगती, इसके पीछे आनुवंशिक कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। यह बात एक अध्ययन में सामने आयी है। Germany की ‘Technical University of Munich’ के शोधकर्ताओं ने भुनी हुई अरेबिका Coffee में कड़वे यौगिक पदार्थों के एक नए समूह की पहचान की है और इसका विश्लेषण किया है कि वे इसके स्वाद को कैसे प्रभावित करते हैं।
उन्होंने पहली बार यह भी प्रदर्शित किया कि आनुवंशिक प्रवृत्ति भी इस संबंध में अहम भूमिका निभाते हैं कि किसी व्यक्ति को ये पदार्थ (यौगिक पदार्थ) कितने कड़वे लगते हैं। इसके निष्कर्ष ‘Journal Food Chemistry’ में प्रकाशित हुए हैं।
‘Coffee Arabica’ पौधे के ‘Been’ को पीसकर पेय पदार्थ बनाने से पहले स्वाद को बढ़ाने के लिए उसे भूना जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अरसे से Caffeine के स्वाद को कड़वा माना जाता रहा है लेकिन कैफीन रहित कॉफी भी कड़वी लगती है, जिससे संभवत: यह संकेत मिलता है कि भुनी हुई कॉफी के कड़वे स्वाद के लिए अन्य पदार्थ भी जिम्मेदार हैं।
अरेबिका ‘BEEN’ में पाए जाने वाला ‘Mozambiocide’ ऐसा पदार्थ है, जिसका स्वाद कैफीन से लगभग 10 गुना अधिक कड़वा होता है और मानव शरीर में लगभग कड़वे स्वाद वाले 25 रिसेप्टर्स में से दो ‘TAS2R43’ और ‘TAS2R46’ को सक्रिय कर देता है।
प्रमुख शोधकर्ता रोमन लैंग के अनुसार हालांकि, हमने पाया कि ‘BEEN’ को भूनने के दौरान ‘मोजाम्बियोसाइड’ का स्तर काफी कम हो जाता है और इसलिए, यह पदार्थ ‘‘coffee की कड़वाहट में मामूली सा योगदान देता है।’’ आगे के अध्ययन से यह भी पता चला कि स्वाद को महसूस करने की क्षमता प्रतिभागियों की आनुवंशिक प्रवृत्ति पर निर्भर करती हैं।