नई दिल्ली: पतंजलि की कोरोनावायरस की दवा कोरोनिल को लॉन्च कर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन विवादों में फंस गए हैं एक और जहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कौन से स्पष्टीकरण मांगा है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना से 1.5 लाख लोग मर गए है, क्या यह देश का मुद्दा नहीं है?
लेकिन देश के स्वास्थ्य मंत्री एक फर्जी दवाई बेचने के लिए पत्रकार वार्ता करते फिरते हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से प्रमाणपत्र मिलने के झूठ पर हैरानी जताते हुए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन से स्पष्टीकरण मांगा था।
हर्षवर्धन की उपस्थति में ही यह दवा पेश (लॉन्च) की गई थी। पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल दवा कोविड-19 को ठीक कर सकती है और साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि की गई है।
आईएमए की ओर से जारी बयान में कहा गया, देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है।
क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं? आईएमए ने कहा, देश मंत्री से स्पष्टीकरण चाहता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को स्वतः संज्ञान लेने के लिए भी पत्र लिखेगा। यह भारतीय चिकित्सा परिषद के नियमों का उल्लंघन है।