रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में विधायक बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल मामले में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई।
स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधायक प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, भूषण तिर्की और पूर्व विधायक राजकुमार यादव द्वारा अलग-अलग शिकायत दर्ज कर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की गयी है।
स्पीकर के न्यायाधिकरण में सोमवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चारों मामले में सुनवाई के लिए अलग-अलग समय निर्धारित की गयी।
इस दौरान बाबूलाल मरांडी की ओर से न्यायाधिकरण में पक्ष रख रहे उनके वकील राज नंदन सहाय ने स्पीकर से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ विधायक भूषण तिर्की, प्रदीप यादव, दीपिका पांडे सिंह और राजकुमार यादव ने शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने आग्रह किया कि सभी मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए। इस पर स्पीकर ने कहा है कि सुनवाई का पहला दिन था और सभी का पक्ष जानने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था।
इसलिए उसी क्रम में सुनवाई होगी।सभी मामलों की सुनवाई एक साथ हो इस पर विचार किया जाएगा।
दूसरी तरफ विधयक प्रदीप यादव की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने अपना पक्ष रखा।उन्होंने बाबूलाल मरांडी की तरफ से दाखिल पक्ष का जवाब देने के लिए समय की मांग की है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के समय झारखंड विकास मोर्चा पार्टी की टिकट पर बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की जीत कर आए थे।
इसके बाद बाबूलाल मरांडी ने पार्टी की भाजपा में विलय की घोषणा की थी। दूसरी तरफ प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने पार्टी का विलय कांग्रेस में कराया। लिहाजा यह मामला दलबदल का है।
संविधान की दसवीं अनुसूची की धारा 4 के पैराग्राफ 2 के तहत स्पीकर के ट्रिब्यूनल को तय करना है कि किसका मर्जर संवैधानिक है।
इस मामले को लेकर बाबूलाल मरांडी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं।
पिछले दिनों अदालत से फैसला आने के बाद स्पीकर के न्यायाधिकरण में इस मामले की फिर से सुनवाई शुरू हुई है।