रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित राजकुमार की अवमानना याचिका समेत राज्य के 12 संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त रहने एवं अन्य याचिका की सुनवाई की।
विधानसभा सचिव कोर्ट में हुए हाजिर
मामले में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के सचिव कोर्ट में हाजिर हुए। उनकी ओर से कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया। बताया गया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में झारखंड विधानसभा स्पीकर के समक्ष दलबदल मामले को संज्ञान में लाया गया है, जिस पर स्पीकर ने तुरंत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित कर दी है।
स्पीकर ट्रिब्यूनल में प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के दलबदल पर सुनवाई 18 को
विधायक प्रदीप यादव एवं पूर्व विधायक बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) के दलबदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में 18 मई को सुनवाई होगी। दलबदल मामले में वे सुनवाई के लिए आगे बढ़ रहे हैं और इस पर जल्द फैसला लेंगे।
यह भी बताया गया कि Act के हिसाब से सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों एवं अन्य पदों पर विपक्ष के नेता के नहीं रहने पर भी सरकार द्वारा भी इन पदों को भरा जा सकता है।
हाई कोर्ट में 2 बिंदुओं पर सुनवाई 16 को
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दो बिंदुओं पर सुनवाई के लिए अगली तिथि 16 मई निर्धारित की। इनमें एक बिंदु में कहा गया है कि यदि कोई राजनीतिक दल अगर विपक्ष के नेता के लिए किसी का नाम देता है तो विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker) क्या सिर्फ इस आधार पर इस मामले को लंबित रख सकते हैं कि उनके खिलाफ दलबदल का केस चल रहा है।
दूसरे बिंदु में कोर्ट ने कहा है कि क्या High Court को पावर है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष का नेता बनाने के लिए निर्देश दे सकता है। इन दोनों बिंदुओं पर अगली सुनवाई में बहस होगी।
इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से विधानसभा सचिव से पूछा गया कि विपक्ष के नेता का नाम घोषित करने में देरी क्यों हो रही है, इसके चलते विभिन्न संस्थाओं में पद रिक्त हैं।
बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल का मामला लंबित
महाधिवक्ता राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में भाजपा मुख्य विपक्षी दल है उनकी ओर से बाबूलाल मरांडी का नाम विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया गया है, लेकिन इनके खिलाफ दलबदल के तहत मामला लंबित रहने के कारण निर्णय नहीं लिया जा सका।
भाजपा की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एवं कुमार हर्ष (Indrajit Sinha and Kumar Harsh) ने पैरवी की। विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की। बता दें कि पहले की सुनवाई में कोर्ट ने विधानसभा सचिव को निर्देश दिया था कि वे विधानसभा स्पीकर के समक्ष दलबदल के लंबित मामले की बात को रखें, ताकी दलबदल मामला एक सप्ताह में निष्पादित हो सके।