Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट में सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र सिंह बंगाली की समय से पहले रिहाई (प्रीमेच्योर रिलीज) की याचिका पर सुनवाई हुई। उन्होंने 2023 और 2024 में राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड से रिहाई के लिए अनुरोध किया था, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया। अब उन्होंने इसे कोर्ट में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के “जोसेफ बनाम स्टेट ऑफ़ केरल” (2024) केस का हवाला देते हुए समय से पहले रिहाई की मांग की गई। उनका तर्क है कि वह 25 साल 4 महीने से अधिक जेल में बिता चुके हैं, और रिमिशन (छूट) के साथ यह अवधि 31 साल से अधिक हो चुकी है। इस आधार पर उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
राज्य सरकार ने किया विरोध
राज्य सरकार ने सुरेंद्र सिंह बंगाली की रिहाई का विरोध किया है। सरकार का मानना है कि उनकी रिहाई सार्वजनिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के खिलाफ हो सकती है।
क्या है मामला?
- 1996 में लालपुर थाना कांड संख्या 31/1996 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था।
- रांची सिविल कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।
- झारखंड हाईकोर्ट ने 2000 में इस सजा को बरकरार रखा।
- 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
अगली सुनवाई 3 मार्च को
अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी, जहां कोर्ट यह तय करेगा कि क्या सुरेंद्र सिंह बंगाली को समय से पहले रिहा किया जाएगा या नहीं।