नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने माइनिंग लीज और फर्जी कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट (JHC) में हो रही सुनवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई टाल दी है।
जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने 12 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया।
झारखंड हाई कोर्ट (JHC) ने 3 जून को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ दायर याचिका के सुनवाई योग्य होने के मामले पर फैसला सुनाया था।
झारखंड हाई कोर्ट (JHC) ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दी थी कि याचिका दाखिल करते समय झारखंड HC की नियमावली का पालन नहीं किया गया है।
झारखंड सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने झारखंड HC में हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दायर की है, उसके पिता CM हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक केस में गवाह था। उस मामले में शिबू सोरेन (Shibu Soren) को सजा मुकर्रर की गई थी।
झारखंड के CM हेमंत सोरेन को मिले माइनिंग पट्टे की जांच कर रही है ED
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 24 मई को हेमंत सोरेन को राहत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट (HC) को निर्देश दिया था कि वो पहले इस बात की पड़ताल करें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य है कि नहीं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को मिले माइनिंग पट्टे की ED जांच कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने ED से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी थी।
SC में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई Report को लेकर एक फैसला किया है। Court ने सीलबंद लिफाफे में दाखिल रिपोर्ट पर लिये गए आदेश को पलट दिया है।