DC Manjunath Bhajantri petition: रांची के DC मंजूनाथ भजंत्री की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को समय देने का आग्रह किया।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पंकज मित्तल की अदालत ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
भजंत्री ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ Supreme Court में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर की है और हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है।
हाईकोर्ट के आदेश को दी गई चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में जारी है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच में हो रही है।
भजंत्री ने अपनी याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई और चुनावी कार्यों से अलग रखने का निर्देश दिया गया था।
हाईकोर्ट ने सही ठहराया था निर्वाचन आयोग का फैसला
Jharkhand High Court ने 22 सितंबर 2023 को अपने आदेश में निर्वाचन आयोग के उस फैसले को सही ठहराया था, जिसमें मंजूनाथ भजंत्री को चुनावी कार्यों से अलग करने और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात कही गई थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मंजूनाथ भजंत्री को चुनावी कार्यों से दूर रखा गया था।
चुनाव के दौरान हटाए गए, हेमंत सोरेन के सीएम बनते ही वापस बहाल किए गए
झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता के दौरान उन्हें आनन-फानन में रांची के उपायुक्त (DC) पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर वरुण रंजन को रांची डीसी नियुक्त किया गया था।
हालांकि, सीएम हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण के बाद राज्य सरकार ने वापस मंजूनाथ भजंत्री को रांची का उपायुक्त बना दिया। अब इस मामले में चार सप्ताह बाद सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।