धनबाद : कतरास एरिया के डिनोबली स्कूल (Dinobli School) के सिक रूम में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ कथित रूप से दुष्कर्म के मामले में अदालत (Court) ने बुधवार को फैसला सुनाया।
मामले में स्कूल के उप प्राचार्य (Vice Principal) फादर पॉल जूलियन एक्का (54) व नर्स ई लोंमगा को अदालत से बड़ी राहत मिली।
2019 में ही दर्ज हुआ था मामला
वरीय अधिवक्ता शाहनवाज की दलील सुनने के बाद पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (Judge) प्रभाकर सिंह की अदालत ने दोनों को बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया।
छात्रा के परिजनों ने कतरास थाना में 6 सितंबर 19 को मामले की प्राथमिकी दर्ज (FIR Lodged) कराई थी कि उनकी पुत्री के साथ स्कूल में दुष्कर्म (Rape) किया गया है।
प्राथमिकी में उप प्राचार्य, क्लास टीचर एवं नर्स को नामजद किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया।
DC के आदेश पर सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड (Medical Board) ने छात्रा की चिकित्सकीय जांच (Medical Examination) की। पुष्टि हुई कि उसके साथ गलत हुआ है।
परीक्षा में नंबर काटने की बात कहकर बच्ची को कराया था चुप
पुलिस ने पीड़िता का 164 के तहत बयान कराया, हालांकि उसने किसी का नाम नहीं बताया, परंतु कहा कि परीक्षा (Exam) में नंबर काटने की धमकी देकर उसे खामोश किया गया था।
8 अगस्त को क्लास में छात्रा की तबीयत खराब हुई थी। उसे उलटी हो गई थी। कुछ देर बाद लंच ब्रेक होने को था।
लंच ब्रेक (Lunch Break) के बाद क्लास टीचर ने छात्रा को सिक रूम भेज दिया था। वहां छात्रा को सफेद रंग की छोटी दवा दी गई थी।
दवा खाने के बाद छात्रा तनिक अचेत हो गई थी, तो उसके साथ गलत काम किया गया था। होश में आने के बाद छात्रा ने नर्स से सवाल किया कि उसके अंत: वस्त्र क्यों खुले हैं, शरीर (Body) के नाजुक हिस्से में दर्द (Pain) क्यों हो रहा है तो नर्स ने धमकी दी थी कि ये बातें अपने घरवालों या किसी और को बताने पर परीक्षा में नंबर कट जाएंगे। परंतु किसी आरोप को अभियोजन अदालत में साबित नहीं कर सका।
पीड़िता और अन्य गवाहों के बयान इतने ज्यादा विरोधाभासी थे, जिसका फायदा आरोपियों को मिला।