रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में शनिवार को रांची नगर निगम (RMC) में फोर्थ ग्रेड में नियुक्त कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रमोशन से संबंधित अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से रांची नगर निगम कर्मचारी संघ के दो कर्मियों को डायरेक्टरेट ऑफ म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन (DMA) की ओर से शोकॉज नोटिस जारी करने एवं उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश पर सवाल उठाया गया।
शपथ पत्रों में विरोधाभास बातें
इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मौखिक कहा कि एकल पीठ के आदेश के अनुपालन को लेकर कोई कार्य किया जा रहा है तो उसमें रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मी को शोकॉज करना और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश देने का क्या औचित्य है।
कोर्ट ने कहा कि कर्मियों के थर्ड ग्रेड में प्रोन्नति मामले में RMC एवं DMA एक दूसरे पर मामले की फेका-फेकी कर रहे हैं। इनके शपथ पत्रों में विरोधाभास बातें दिखाई दे रही हैं।
कोर्ट से समय की मांग
कोर्ट ने कहा निगम के दोनों कर्मियों की ओर से रांची नगर निगम के फोर्थ ग्रेड कर्मियों के प्रमोशन (Promotion) को लेकर DMA से मार्गदर्शन मांगा गया था लेकिन उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया।
इस पर निगम और DMA की ओर से कोर्ट से समय की मांग की गई। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई 27 मार्च निर्धारित की। कोर्ट ने कहा कि अगर सटीक जवाब नहीं आता है तो कोर्ट इस संबंध में आदेश पारित करेगा।