रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस AK द्विवेदी की कोर्ट में बुधवार को अगस्त, 2022 में सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) को हवाई जहाज से दिल्ली जाने के क्रम में देवघर में रोकने के खिलाफ दिल्ली में जीरो FIR दर्ज को निरस्त करने को लेकर देवघर (Deoghar) के DC मंजूनाथ (DC Manjunath) की याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंजूनाथ के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में दर्ज जीरो FIR अब तक देवघर ट्रांसफर (Deoghar Transfer) नहीं हुआ है।
इस पर कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को सत्यापित कर दो सप्ताह में बताने को कहा है कि वाकई में जीरो FIR देवघर पहुंचा है कि नहीं।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंजूनाथ के खिलाफ कार्रवाई पर रोक जारी रखी है।
जीरो FIR के आधार पर देवघर के कुंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई या नहीं
पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दिल्ली में दर्ज कराई गई जीरो FIR देवघर के कुंडा थाना में ट्रांसफर कर दी गई है।
इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि दिल्ली से भेजी गई जीरो FIR के आधार पर देवघर के कुंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई या नहीं।
प्रतिवादी निशिकांत दुबे की ओर से पार्थ जालान ने और याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एवं अजय शाह ने पैरवी की।
सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया
इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि 31 अगस्त, 2022 की शाम को जब वह प्लेन से दिल्ली जा रहे थे, तो तत्कालीन देवघर उपायुक्त मंजूनाथ के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने देवघर एयरपोर्ट पर उन्हें रोका और जान से मारने की धमकी भी दी।
उनके सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है।