नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने माइनिंग लीज और फर्जी कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में हो रही सुनवाई के खिलाफ झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई टाल दी है।
Justice UU Lalit की अध्यक्षता वाली बेंच ने अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
सॉलिसिटर जनरल Tushar Mehta के स्वास्थ्य कारणों की वजह से उपलब्ध नहीं होने के कारण आज सुनवाई टली है। 3 जून को झारखंड High Court ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिका के सुनवाई योग्य होने के मामले पर फैसला सुनाया था।
झारखंड हाई कोर्ट (HC) ने झारखंड सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया था कि याचिका दाखिल करते समय झारखंड हाई कोर्ट की नियमावली का पालन नहीं किया गया है।
झारखंड सरकार की ओर से वकील Kapil Sibal ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने झारखंड हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दायर की है उसका पिता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक केस में गवाह था।
कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दाखिल रिपोर्ट पर लिए गए आदेश को पलट दिया
उस मामले में Shibu Soren को सजा मुकर्रर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को हेमंत सोरेन को राहत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो पहले इस बात की पड़ताल करें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।
Jharkhand के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले माइनिंग पट्टे की ED जांच कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने ED से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट (SC) में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एक मामले में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई रिपोर्ट को लेकर एक फैसला किया है। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दाखिल रिपोर्ट पर लिए गए आदेश को पलट दिया है।