नई दिल्ली : 2014 के भड़काऊ भाषण मामले (Hate speech Cases of 2014) में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति MM. सुंदरेश और जेबी. पारदीवाला की पीठ ने मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह की अवधि की अनुमति दी है।
केजरीवाल के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए आपराधिक कार्रवाई पर रोक
इससे पहले शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) के दौरान कहा था कि “जो भाजपा को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा।” सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक तौर पर टिप्पणी की थी कि धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं की जा सकती।
केजरीवाल द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने विचार करने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय ने सुल्तानपुर सत्र न्यायालय के एक आदेश को बरकरार रखा था।
केजरीवाल ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया
अपनी याचिका में केजरीवाल ने दलील दी थी कि “खुदा” को केवल मुसलमानों के भगवान के रूप में नहीं माना जा सकता है।
एक फ्लाइंग स्क्वाड मजिस्ट्रेट (Flying Squad Magistrate) ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के संबंध में वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।