DRDA Personnel Petition: DRDA कर्मियों (DRDA Personnel) की ओर से झारखंड सरकार के कर्मियों की तरह नियमित किए जाने को लेकर दाखिल अनिल कुमार एवं अन्य की अवमानना याचिका की सुनवाई शुक्रवार को Jharkhand High Court में हुई। मामले में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव कोर्ट में सशरीर हाजिर हुए।
कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह बताएं कि प्रार्थी की कही गई बातें गलत है। प्रार्थी ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट नहीं गए हैं।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि यदि प्रार्थी या प्रतिवादी, राज्य सरकार द्वारा कोर्ट को गलत जानकारी दी जाएगी तो और उनके खिलाफ कड़ा आदेश पारित किया जाएगा। कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश ना की जाए।
हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया
दरअसल, DRDA में पदस्थापित कर्मियों ने झारखंड सरकार के कर्मियों की तरह उनकी भी सेवा स्थाई करने का आग्रह किया था।
उनकी ओर से कहा गया था कि उन्हें दूसरे विभाग में सामंजय करते हुए संविदा पर नियुक्त किया जा रहा है जबकि वे DRDA में स्थाई कर्मी के रूप में नियुक्त हुए थे। मामले को लेकर अनिल कुमार एवं अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई है।
उनकी ओर से कहा गया है कि उनके संविदा आधारित सेवा को नियमित किया जाए। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह सुप्रीम कोर्ट नहीं गया है।
High Court ने उनके पक्ष में फैसला दिया था। DRDA के कुछ कमी स्थाई वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे। वहां उनके मामले में पारित आदेश पर कोर्ट ने मुहर लगा दी है।