जोशीमठ (चमोली) : नंदा देवी पर्वत की तलहटी से रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से जबरदस्त तबाही हुई है।
रेणी गांव में ऋषि गंगा प्रोजेक्ट और तपोवन में निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगार परियोजना में सबसे क्षति हुई है।
सेना और आईटीबीपी ने मोर्चा संभाल लिया है। ग्लेशियर टूटने के बाद नीति-मलारी घाटी का संपर्क कट गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तपोवन बैराज साइट 2 और रेणी पहुंचकर हालात का जायजा लिया है।
यह प्राकृतिक आपदा रेणी गांव के ठीक ऊपर नंदा देवी की तलहटी पर हुई है। इससे रेणी ऋषिगंगा मे कार्यरत 40 लोगों के अलावा तपोवन-विष्णुगार परियोजना के बैराज और टनल में सुबह की शिफ्ट मे कार्य रहे 150 से 200 लोगों के लापता होने की आशंका है।
प्रशासन के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। हालात की गंभीरता को देखते सेना और आईटीबीपी ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। बीआरओ के प्रोजेक्ट मे कार्यरत स्थानीय लोग भी लापता बताए जा रहे हैं।
मृतकों की वास्तविक संख्या पर फिलहाल आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रभावित क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। उन्होंने तपोवन पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।