रांची: झारखंड सरकार की अध्यक्षता में” समग्र शिक्षा के अधीन कार्यरत संविदा कर्मी वेलफेयर सोसाइटी” की पहली आमसभा में पारा शिक्षक संघ को आमंत्रित किया गया है। पारा शिक्षक ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, परियोजना निदेशक का आभार व्यक्त किया है।
संघ भवन में बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक शेख़ ने कहा कि 2012 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टेट अनिवार्य नहीं है तो राज्य सरकार अनुभव को प्राथमिकता देते हुए पारा शिक्षकों को सरकार विभागीय परीक्षा लेकर वेतनमान दिया जाए।
राज्य की माननीय मुख्यमंत्री पारा शिक्षकों के मांगों को लेकर गम्भीर हैं, सरकार समस्या के निदान को लेकर कदम बड़ा चुकी है। जिला अध्यक्ष निरंजन दे एवं जिला महासचिव अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य कल्याण कोष के लिए राज्य कमेटी को कई सुझाव दिए हैं।
पारा शिक्षकों दिए ये सुझाव
- 65000 हजार पारा शिक्षकों को सेवा निवृत्त होने पर कम से कम पारा शिक्षकों 15 लाख देय राशि हो।
- आकस्मिक मृत्यु पर 10,00000 देय राशि हो
- बेटी की शादी या उच्च शिक्षा पर 5,00000 तक ऋण उपलब्ध कराएं।
बैठक में मुख्य रूप से रमेश सिंह ,नीलांबर रजवार, सुमनलता पांडे, अशफाक शेख, उत्पल चौबे, रवींद्रनाथ महतो, मोतीलाल महतो, परितोष महतो, रवि लाल हेंब्रम, छोटू महतो, वीरेंद्र शर्मा, आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
बता दें की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 22 फरवरी को प्रस्तावित कल्याण कोष की बैठक होनी है, जिसमे कई प्रस्तावों पर मुहर लगाये जाने की संभावना है। बताया जाता है कि इस निर्णय के बाद पारा शिक्षकों की समस्याओं का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।
बता दें कि राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक बजट सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है।
विधानसभा का बजट सत्र आगामी 26 फरवरी से शुरू होने की तारीख तय हुई है जो 23 मार्च तक चलेगा।
पारा शिक्षकों और बीआरपी-सीआरपी पुत्र-पुत्रियों की उच्च शिक्षा और बेटियों की शादी के लिए शून्य ब्याज पर ऋण
राज्य के पारा शिक्षकों और बीआरपी-सीआरपी को उनके पुत्र-पुत्रियों की उच्च शिक्षा और बेटियों की शादी के लिए ऋण मुहैया कराएगी। इस ऋण पर पारा शिक्षकों को कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा। उन्हें शून्य ब्याज पर कर्ज मिलेगा।
इसके अलावा पारा शिक्षकों के सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों/ परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि बतौर मुआवजा दी जाएगी।
इससे संबंधित निर्णय पर 22 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रस्तावित कल्याण कोष की आमसभा में मुहर लगने की संभावना है।
गौरतलब है कि राज्य के पारा शिक्षकों और बीआरपी- सीआरपी को अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम राशि दो लाख रुपये तथा बेटी की शादी के लिए अधिकतम डेढ़ लाख रुपये का ऋण शून्य ब्याज पर देने का प्रस्ताव पूर्व में किया गया है।
इसके साथ ही किसी भी पारा शिक्षक की सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने का भी प्रावधान किया गया है।
यही नहीं, बल्कि राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों को असाध्य रोग के इलाज के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि तथा दुर्घटना होने की स्थिति में दिव्यांगता की स्थिति में डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान भी प्रस्ताव में है।
पारा शिक्षक की सेवाकाल में मृत्यु होने पर पांच लाख सहायता राशि
किसी पारा शिक्षक की सेवाकाल में मृत्यु होने से उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी प्रविधान किया जा रहा है।
पारा शिक्षकों को असाध्य रोग के इलाज के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि तथा दुर्घटना में दिव्यांगता की स्थिति में भी डेढ़ लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने के प्रविधान किए गए हैं।
बता दें कि राज्य सरकार ने कल्याण कोष में दस करोड़ रुपये देने पर अपनी सहमति दी है। वहीं, इस कोष के लिए सभी पारा शिक्षकों के मानदेय से प्रतिमाह दो सौ रुपये काटे जाएंगे।