नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने गुरुवार को विभिन्न हाईकोर्ट के 9 जजों के ट्रांसफर (Judges Transfer) की सिफारिश की है।
इनमें गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक का नाम भी शामिल है।
न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक (Hemant M Prachhak) वही जज हैं जिन्होंने राहुल गांधी के मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक (Hemant M Prachhak) सहित गुजरात उच्च न्यायालय के कुल चार न्यायाधीशों को अन्य उच्च न्यायालयों में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने 3 अगस्त 2023 को हुई अपनी बैठक में न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए उच्च न्यायालयों के 9 न्यायाधीशों के ट्रांसफर (Judges Transfer ) की सिफारिश की है। जिनमें से 4 केवल गुजरात से हैं।
चर्चा में रहे हैं गुजरात के ये जज
जस्टिस हेमन्त एम प्रच्छक को गुजरात हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में ट्रांसफर की सिफारिश की गई है।
इनके अलावा, गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जे दवे को राजस्थान, जस्टिस कुमारी गीता गोपी को मद्रास और जस्टिस अल्पेश वाई कोग्जे (Alpesh Y Kogje) को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश की गई है।
गुजरात HC के न्यायमूर्ति समीर दवे ने हाल ही में कथित दंगा मामले के सबूत गढ़ने पर एफआईआर को रद्द करने की तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
गुजरात HC की न्यायमूर्ति गीता गोपी (Geeta Gopi) ने दोषसिद्धि को निलंबित करने की राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के भी चार जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की गई है। इनमें जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान को इलाहाबाद, जस्टिस अवनीश झिंगन को गुजरात, जस्टिस राज मोहन सिंह को मध्य प्रदेश और जस्टिस अरुण मोंगा को राजस्थान हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक कुमार सिंह (Vivek Kumar Singh) को मद्रास हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है।
कौन हैं जज हेमंत एम. प्रच्छक?
बता दें कि मोदी सरनेम (Modi surname) से जुड़े मानहानि मामले में राहुल गांधी द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका को गुजरात हाईकोर्ट के जज हेमंत एम. प्रच्छक ने खारिज कर दिया था।
दरअसल सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि केस में दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सूरत की सेशन कोर्ट में गए थे। वहां से राहत नहीं मिलने पर राहुल गांधी हाई कोर्ट का रुख किया था। गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक की पीठ ने 66 दिन के बाद फैसला सुनाया।
पीठ ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट (Trial court) का दोषी ठहराने का आदेश उचित है। उन्होंने कहा था, “उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।”
4 जून, 1965 को गुजरात के पोरबंदर में पैदा हुए हेमंत एम प्रच्छक 18 अक्तूबर, 2021 में गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बने थे।
इससे पहले उन्होंने 2002 से लेकर 2007 तक सहायक सरकारी वकील और अतरिक्त सरकारी वकील (Assistant Public Prosecutor and Additional Public Prosecutor) के तौर पर भी काम किया था।
बाद में 2015 से लेकर 2019 तक केंद्र सरकार के स्थायी वकील के तौर काम किया। फिर 2021 को वे हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने।