रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों के मामले में दिनांक 07.08.2021 को पूर्वाहन 10:30 बजे एक बैठक माननीय मंत्री स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड के आवास में आयोजित की गई है।
इस बैठक में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के 3 (तीन) प्रतिनिधि एवं झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ राज्य इकाई, रांची के 3 (तीन) प्रतिनिधि को भाग लेने की स्वीकृति दी गई है।
वैश्विक महामारी को देखते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत बैठक में वैसे प्रतिनिधि ही भाग ले सकेंगे जिनका Covid-19 Vaccine के दोनों Dose पूर्ण है।
इसको लेकर निर्देश दिया गया है कि उक्त बैठक में ससमय दोनों समितियों के Covid-19 Vaccine के दोनों Dose पूर्ण करने वाले (साक्ष्य सहित) 3-3 प्रतिनिधि भाग लेना सुनिश्चित करेंगे।
बता दें कि बीते दिनों शिक्षक नियुक्ति व पारा शिक्षकों के वेतनमान को लेकर CM हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक होने वाली थी जो किसी करणवश नहीं हुई। उम्मीद जताई जा रही थी की इस बैठक में पारा शिक्षकों के मामले में कुछ चर्चा हो सकती है, लेकिन बैठक नहीं हुई जिससे पारा शिक्षक काफी निराश हुए।
हालांकि समीक्षा बैठक को लेकर शिक्षा मंत्री ने भी कहा था कि वे उक्त बैठक में रहेंगे और सीएम से इन विषयों पर चर्चा करेंगे।
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मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि वे पारा शिक्षकों के सभी विषयों पर शीघ्र फैसला लेंगे।
अब वे पूरी तरह स्वस्थ होकर काम पर आ चुके हैं। उन्होंने जिन-जिन विषयों पर पूर्व में आश्वासन दे रखा है, उन सबको प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों को वेतनमान दिए जाने के बारे में भी वे तत्पर हैं।
शनिवार को पारा शिक्षकों के साथ होने वाली बैठक में माना जा रहा है कि कई मामलों पर सहमती बन सकती है जिससे लंबे समय से आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों की मांगें सरकार जल्द ही पूरी कर सकती है। गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार ने ये बैठक बुलाई है जिसे पारा शिक्षकों के बहुत ही ख़ास माना जा रहा है।
15 अगस्त को स्थायीकरण व वेतनमान का करो ऐलान वरना राज्यभर में आंदोलन होगा जोरदार
इधर झारखंड के लगभग 65 हजार पारा शिक्षकों ने राज्य के हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन रत रहे पारा शिक्षकों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
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सरकार की वादाखिलाफी को लेकर राज्य भर के पारा शिक्षकों का आक्रोश कभी भी फूट पड़ सकता है।
इन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी ही नहीं भगत सिंह भी पारा शिक्षक बन सकते हैं। इसके बाद सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।
वादाखिलाफी पर ईंट से ईंट बजाने को पारा शिक्षक तैयार
पारा शिक्षकों ने कहा है कि 15 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन अगर स्थायीकरण व वेतनमान की घोषणा नहीं करते हैं तो अगले दिन 16 अगस्त से राज्य भर में उग्र आंदोलन होगा।
वादा करके सत्ता में आई सरकार और अब वादाखिलाफी पर ईंट से ईंट बजाने को पारा शिक्षक तैयार बैठे हैं।
16 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन, मुख्यमंत्री आवास घेराव से होगी शुरुआत
पारा शिक्षकों ने कहा है कि हेमंत सरकार 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के बाद हम पारा शिक्षकों के लिए स्थायीकरण और वेतनमान की घोषणा नहीं करती है तो 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन मुख्यमंत्री आवास घेराव से ही शुरू हो, क्योंकि अब छोटे-मोटे कार्यक्रम करके अपना समय बर्बाद नहीं करना है।
ऐसे भी हम लोग बहुत समय गंवा चुके हैं, कार्यक्रम ऐसा हो जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
यदि इस बार भी सरकार नहीं मानती है तो राजधानी घुसने वाले चारों हाईवे को जाम कर दिया जाए। यानी राजधानी का चक्का जामकिया जायेगा।
हमें कल्याण कोष नहीं चाहिए
पारा शिक्षकों का कहना है कि हमें कल्याण कोष नहीं चाहिए सरकार कल्याण कोष का वादा करके नहीं आई है।
सरकार स्थायीकरण एवं वेतनमान का वादा करके आई है तो सरकार हमें स्थायी करते हुए वेतनमान दे।
अन्यथा इस बार हम असहयोग आंदोलन के साथ-साथ उग्र आंदोलन करने पर भी बाध्य हो जाएंगे। जरूरत पड़ी तो महात्मा गांधी के साथ साथ भगत सिंह भी पारा शिक्षक बनेंगे।