रांची: झारखंड की राजधानी रांची में हुए जमीन घोटाले (Land scam) के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (Enforcement Directorate) यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18 अगस्त की शाम को दूसरी बार समन भेजा है। उन्हें 24 अगस्त को ED के रांची जोनल ऑफिस (zonal office) में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
इसके पहले CM ने समन को बताया था गैरकानूनी
याद कीजिए, इससे पहले 8 अगस्त को भी ED ने CM हेमंत सोरेन को समन भेजकर 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था। वह ED के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उन्होंने ED को पत्र लिखकर कहा था, समन वापस लेने को कहा था। सीएम ने लिखा था, आपका (ED) इस मामले में किया गया समन गैर कानूनी है। वे कानूनी सलाह लेकर ही आगे बढ़ेंगे।
इसके पहले खनन घोटाले में 3D ने कम से की थी 10 घंटे तक पूछताछ
बता दें कि ED ने CM हेमंत सोरेन को आरसी – 25/23 (ECIR) में समन किया है। इससे पहले 17 नवंबर 2022 को ED ने अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
बता दें कि ED ने जमीन घोटाले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी।
सेना के कब्जे वाली जमीन मामले की जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि फर्जी नाम-पता के आधार पर सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है।
जमीन घोटाले में कब-कब पड़ा छापा
रांची में हुए जमीन घोटाला मामले में सबसे पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल और अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा था।
दूसरी बार 13 अप्रैल को ED ने रांची के पूर्व DC छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में ED ने कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद ED ने रांची के पूर्व DC छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, दिलीप घोष, प्रदीप बागची समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। ED ने 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित PPS उदय शंकर के ठिकानों पर भी छापा मारा था।