रांची: झारखंड की हेमंत सरकार को गिराने की साजिश मामले की जांच पुलिस ने तेज कर दी है। मामले की जांच के लिये पुलिस की एक टीम दिल्ली और दूसरी टीम मुंबई गई है।
दोनों ही टीम को यह निर्देश दिया गया है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित साक्ष्य को एकत्र करे, जिससे न्यायालय में पुख्ता सबूत दिया जा सके। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए चार टीम बनाई है।
जानकारी के अनुसार मामले में रांची पुलिस ने चार टीम का गठन किया है। एक टीम का नेतृत्व खलारी के डीएसपी अनिमेष नैथानी कर रहे हैं।
दिल्ली में यह टीम उन होटलों से साक्ष्य जुटाएगी जहां विधायक ठहरे थे और महाराष्ट्र के कथित नेताओं से मुलाकात हुई थी।
पुलिस उन जगहों का सीसीटीवी फुटेज और होटल का रिकॉर्ड भी खंगालेगी। सरकार गिराने की साजिश मामले में एसएसपी ने डीएसपी प्रभात रंजन बरवार को पूरे मामले की जांच का आईओ बनाया गया है।
डीएसपी प्रभात रंजन के अलावे अलग-अलग डीएसपी इस मामले की जांच में जुटे हैं।
इस पूरे प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद आरोपित अभिषेक कुमार दुबे व निवारण प्रसाद महतो ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि वे लोग झारखंड के तीन स्थानीय विधायक के साथ 15 जुलाई को रांची हवाई अड्डा से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।
दिल्ली में एयरपोर्ट से सभी द्वारका स्थित होटल विवांता पहुंचे। उनके साथ महाराष्ट्र के व्यवसायी जय कुमार बेलखेड़े उर्फ बालकुंडे व वहां के दो भाजपा विधायक चंद्रशेखर राव बावनकुले व चरण सिंह भी थे।
पुलिस की अनुसंधान टीम होटल विवांता का सीसीटीवी फुटेज भी खंगालेगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आरोपित के स्वीकारोक्ति बयान में कितनी सच्चाई है। आरोपित ने अपने बयान में यह भी कहा है कि झारखंड के तीनों ही विधायक होटल विवांता से निकलने के बाद कुछ बड़े नेताओं के यहां भी पहुंचे। सबूत जुटाने के सिलसिले में अनुसंधान टीम वहां भी जाएगी।
पुलिस की अनुसंधान टीम विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में सभी आरोपितों का कॉल डिटेल्स रिकाॅर्ड (सीडीआर) खंगाल रही है।
इनमें मुंबई से रांची पहुंचे व्यवसायी मोहित भारतीय, अनिल कुमार, आशुतोष ठक्कर, जय कुमार शंकर राव जीव बेलखड़े शामिल हैं।
ये चारों रांची के होटल ली-लैक में ठहरे थे। मोहित भारतीय पेशे से व्यवसायी हैं। मुंबई में इनका सोने-चांदी और रीयल एस्टेट का व्यापार है। इन आरोपितों की रांची में किसके साथ कब-कब बैठक हुई, मोबाइल पर कितनी बातचीत हुई, यह सब ब्यौरा निकाला जा रहा है।
स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर रांची में विधायकों की खरीद-बिक्री संबंधित डील होटल ली-लैक में हुई।
इस संबंध में होटल ली-लैक से पूरे मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो होटल संचालक ने इस पूरे प्रकरण पर बातचीत या सहयोग करने से इन्कार कर दिया। होटल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि जो भी जानकारी देगी, पुलिस देगी, उन्हें कुछ भी बोलने से मना किया गया है।
बताया गया है कि 22 जुलाई की रात रांची पुलिस ने होटल ली-लैक में छापेमारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। तीनों पर आरोप है कि वह झारखंड की झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार के खिलाफ साजिश कर रहे थे।
इस मामले में आरोपी बनाए गए बोकारो के रहने वाले निवारण कुमार महतो का कन्फेशन बयान एक नयी जानकारी मिली है। कन्फेशन बयान में निवारण महतो ने स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों के खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था।
अमित सिंह ने उसे कहा था कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता। बयान में निवारण महतो ने स्वीकार किया है कि 15 जुलाई को अमित कुमार सिंह और चालक दीपू के साथ वह बोकारो से रांची आया था।
रांची के ओरमांझी में प्रो. जयप्रकाश वर्मा नाम के व्यक्ति से अमित को मिलाने के बाद वह वापस लौट गए थे। इसके बाद एक विधायक के करीबी कुमार गौरव उर्फ मनोज यादव से मिलने का वक्त निवारण ने लिया।
वक्त मिलने के बाद सभी बोकारो से वापस लौटे और शाम छह- से सात बजे के बीच बरही के एक रेस्टोरेंट में विधायक से मिले। विधायक दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए।
इसके बाद अमित सिंह ने मौके पर विधायक की बात महाराष्ट्र के जयकुमार बलखेड़ा से करवायी। दोनों ने एक दूसरे का नंबर आदान- प्रदान किया। इसके बाद विधायक इंडिगो फ्लाइट से टिकट कंफर्म होने के बाद 15 जुलाई को दिल्ली के लिए रवाना हुए।
निवारण ने बताया कि दिल्ली जाने के बाद कुमार गौरव के साथ वह होटल के वेटिंग हॉल में रह गए थे, जबकि स्थानीय विधायकों को साथ लेकर बाकि लोग बड़े नेताओं से मिलने निकल गए थे।
अगले दिन विधायक रांची लौट आए। निवारण ने बताया कि दिल्ली में उसे, अमित और अभिषेक दूबे को जयकुमार बानखड़े ने रोक दिया था।
17 जुलाई को सभी का टिकट हुआ, जिसके बाद सभी उसी दिन 9.25 बजे की फ्लाइट से रांची पहुंचे थे। रांची आने के बाद निवारण ने महारानी बस से बोकारो जाने की बात बताई है।
निवारण ने अपने बयान में बताया है कि दिल्ली में होटल से निकलने के बाद जय बानखड़े ने महज 10 हजार रुपये अमित को दिए थे।
अमित रांची आने के बाद बस दो हजार की रकम दे रहा था, तब ये पैसे उसने लेने से इंकार कर दिया था। निवारण ने अमित को 500 रुपये उधार दिया था। वो लेकर बोकारो पहुंचकर अपने अपने घर चला गया।
निवारण ने स्वीकार किया है कि वो और सभी स्थानीय विधायक को खरीद-फरोख्त का और मैनेज कर सदन में वोटिंग कर सरकार गिराने का प्रयत्न किया है।
इस घटना में निवारण महतो, अमित सिंह, अभिषेक कुमार दुबे, जयकुमार बेलखड़े और महाराष्ट्र के विधायक फाइनेंसर और दलाल लोग शामिल हैं।