रांची: झारखंड सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को मोरहाबादी मैदान में कहा कि हम विदेश से उठकर नहीं आए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं जानेंगे। मनरेगा यहां के लिए मील का पत्थर है।
मजदूरी कम है जिस कारण लोग रुचि नहीं लेते हैं। हमने मनरेगा मजदूरी ₹225 करने का निर्णय लिया है, जो भारत सरकार ₹194 देती है।
सरकार का अंतिम वर्ष होते-होते हम ₹300 मजदूरी देने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं।
सीएम ने कहा कि जमशेदपुर में महिला विश्वविद्यालय के लिए सभी पद स्वीकृत किए गए हैं।
राज्य में सभी वृद्धाओं को पेंशन मिले, यह हम सुनिश्चित कर रहे हैं। कुपोषण से लड़ने के लिए हमारा लक्ष्य है।
इस साल कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से 5 लाख बाड़ी को तैयार किया जा रहा है।
यहां मोटा अनाज की खेती होगी। राज्य में जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र लाखों की संख्या में पेंडिंग हैं।
उन्होंने कहा कि आज 12 हजार करोड़ योजनाओं का शिलान्यास और परिसंपत्तियों का वितरण किया जा रहा है।
विकास कार्य को छूने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र में वास करते हैं। यह लोग खेती पर निर्भर हैं।
इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद शिबू सोरेन, झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद धीरज साहू, मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन सहित अन्य लोग मौजूद थे।