रांची: ओरमांझी थाना के गगारी गांव में दस परिवारों के मतांतरण के बाद अब विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई है।
मतांतरण करने वाले झरी बेदिया की बेटी और एसएस हाई स्कूल ओरमांझी की 10वीं की छात्रा अंजली कुमार की रविवार को मौत हो गई।
जब शव दफनाने के लिए गांव में कब्र खोदी गई तो ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। कब्र में मिट्टी भर दी।
इसके बाद परिवार के लोग शव लेकर अन्य गांव खटंगा गए। वहां भी ग्रामीणों ने शव नहीं दफनाने दिया।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि पंचायत के किसी भी श्मशान में शव नहीं दफनाने देंगे। इतना ही नहीं, गांवों के लोग अपने श्मशानों की रखवाली भी कर रहे हैं। रविवार की देर रात तक शव को दफनाया नहीं जा सका था।
उधर, गांव में ग्रामीणों की बैठक भी हुई है। इसमें कहा गया कि परिवार वाले अपने धर्म में पुन: वापसी के लिए तैयार होंगे, तभी गांव में शव दफन करने दिया जाएगा।
ग्रामीणों का फैसला सुनने के बाद मतांतरण कराने वाले मजेंद्र नायक मृतका के परिवार वालों को साथ लेकर चले गए।
छात्रा के मौत की जांच कराने की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि छात्र शनिवार तक पूरी तरह ठीक थी। रविवार को उसकी अचानक कैसे मौत हो गई।
मतांतरण के आरोपित मजेंद्र नायक छात्र को लेकर बाहर जाता था। वहीं, मजेंद्र नायक ने आशंका जताते हुए कहा कि छात्र की हृदयगति रुकने से मौत हुई ही गई।
सीने में दर्द की शिकायत पर उसे कई चिकित्सकों के पास उपचार के लिए ले गए थे।
उसने हृदय रोग विशेषज्ञ से उपचार के संबंध में पूछे जाने पर उपचार कराने से इन्कार कर दिया। कहा कि छात्र को मनोरोग चिकित्सक के पास भी ले गए थे।
उधर, ग्रामीणों ने मौत की जांच की मांग की है। किसी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है। थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने कहा कि शिकायत मिलने पर जांच की जा सकती है।