नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कहा कि वैक्सीनेशन में एक दिक्कत यह आ रही थी कि लोगों को वैक्सीनेशन से पहले अपना पंजीकरण कराना पड़ता था।
बहुत सारे लोग अपना पंजीकरण नहीं करा पाते हैं और अगर वे पंजीकरण करा भी लेते हैं, तो उन्हें वैक्सीन लगाने का जो दिन दिया जाता है, उस दिन वो किसी काम में व्यस्त होने की वजह से नहीं पहुंच पाते हैं और उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाती है।
अब सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया है। अब शाम 3 बजे से रात 9 बजे तक यानि 6 घंटे तक कोई भी बिना पंजीकरण कराए ही वैक्सीनेशन कराने के लिए जा सकता है।
इससे पहले, वैक्सीनेशन का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे तक था, जिसे बढ़ा कर सुबह 9 से रात के 9 बजे यानि 12 घंटे तक का कर दिया गया है।
ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुसार वैक्सीन लगवाने के लिए जा सकें। अभी तक यह होता था कि ज्यादातर लोग ऑफिस में काम करते हैं।
उनकी ड्यूटी सुबह से शाम 6 बजे तक होती है। रविवार को अवकाश होता है, तो उस दिन दिल्ली में वैक्सीनेशन नहीं होता है।
इसलिए ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन का सही समय नहीं मिल पा रहा था। हमने समय बढ़ा कर रात 9 बजे तक कर दिया है, ताकि लोग ऑफिस से घर वापस लौटने के दौरान अस्पताल में जाएं और वैक्सीन लगवा सकें।
इसके लिए उन्हें कोई पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। जिस दिन उन्हें समय मिले, उस दिन जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लगवा सकें, इसके लिए केंद्र सरकार से कुछ रियायत देने की मांग करते हुए पत्र लिखा था।
सीएम के पत्र लिखने के बाद ही केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए उम्र सीमा 45 वर्ष किया है। दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध है।
दिल्ली में लाॅकडाउन लगाने की संभावना के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में लाॅकडाउन की अभी कोई आवश्यकता नहीं है।
लाॅकडाउन करके देखा गया था और लाॅकडाउन लगाने के पीछे कुछ लाॅजिक था, क्योंकि उस समय किसी को यह नहीं पता था कि यह वायरस कैसे फैलता है? सबसे पहले यह कहा गया था कि कोरोना का साइकल 14 दिनों का होता है।
इन 14 दिनों में कोरोना होता है और ठीक हो जाता है।
विशेषज्ञों का कहना था कि अगर 21 दिन के लिए सभी गतिविधियों को बंद कर देते हैं, तो जहां पर वायरस है, वो वहीं पर खत्म हो जाएगा और आगे नहीं फैलेगा।
हम लाॅकडाउन को बढ़ाते गए, लेकिन इसके बावजूद ऐसा नहीं हुआ कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया हो। मुझे नहीं लगता है कि लाॅकडाउन कोरोना का समाधान है।