जमशेदपुर: जिले के चाकुलिया के डाक बंगला परिसर में शनिवार को पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक विकास महतो की अध्यक्षता में हुई।
इस बैठक में प्रदेश कमेटी के निर्णय अनुसार आगामी 17 जनवरी को बहारागोरा के विधायक समीर मोहंती के आवास घेराव करने का निर्णय लिया गया है।
मौके पर संघ पारा शिक्षकों ने कहा कि हेमंत सरकार का एक साल पूरा हो गया है।
लेकिन इस सरकार द्वारा पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान निर्धारण की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
सत्ताधारी दलों के नेताओं ने चुनाव के पूर्व कहा था कि सरकार में आए तो सबसे पहले पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करेंगे।
हमने उन पर भरोसा किया लेकिन सरकार तो बन गई।
लेकिन हम ठगे रह गए। पारा शिक्षकों में हेमंत सोरेन की वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोश है इस बाबत 17 जनवरी को विधायक आवास घेराव का निर्णय लिया गया है।
पारा शिक्षकों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो राज्य के 65000 पारा शिक्षक बाध्य होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव 10 फरवरी को करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसकी ज़िम्मेदार और जवाबदेही राज सरकार की होगी।
यहां पारा शिक्षकों ने बदला आंदोलन का फैसला
पारा शिक्षकों ने धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में शनिवार को बैठक की, जिसमें पारा शिक्षकों ने हेमंत सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
साथ ही झारखंड सरकार से मांग की के वो बिहार की तर्ज पर आंकलन आधारित परीक्षा लेकर नियमावली के तहत पर शिक्षकों के स्थाईकरण की मांग को पूरी करें।
सूबे के 65 हजार पारा शिक्षकों को स्थाई किया जाए। इसी संबंध में पारा शिक्षकों ने बैठक कर अपनी बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की रणनीति बनाई।
इसके साथ ही पारा शिक्षकों ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी मांगों को पर गंभीरतापूर्वक लेंगे और उनकी मांग पूरा भी करेंगे।
लेकिन आज की बठक में पारा शिक्षकों ने अभी फिलहाल आंदोलन की कोई रणनीति तैयार नहीं की है।
उन्होंने कहा पारा शिक्षकों ने कहा कि इसी विश्वास के साथ वह लोग बैठक कर रहे हैं की सरकार उनकी मांग को मान लेगी और उन्हें कोई आन्दोलन करने की ज़रुरत नही पड़ेगी।
लेकिन अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो आगे आंदोलन पर भी विचार किया जाएगा और जिसकी ज़िम्मेदार और जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।