न्यूज़ अरोमा रांची: कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू ने अब सरकार के साथ आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। देश के छह राज्यों में फैले बर्ड फ्लू को लेकर अब झारखंड भी हाई अलर्ट पर है।
जमशेदपुर में आधा दर्जन कौवों की मौत के बाद जिले में बाहर से मुर्गे-मुर्गियां मंगाने पर रोक लगा दी गई है।
पशुपालन विभाग ने निर्देश दिया है कि एहतियात के तौर पर रांची के अलावा बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडि़शा से मुर्गियां मंगाने पर रोक लगाई गई है।
इसलिए कारोबारी स्थानीय पोल्ट्री फार्म के चिकेन बेचें, ताकि बर्डफ्लू के खतरे को रोका जा सके।
विभाग की ओर से बनाई गई 22 क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) शनिवार से जागरुकता अभियान चलाएगी।
50 स्थानों पर पोस्टर-होर्डिंग्स लगेंगे। प्रखंडों से 30-30 मुर्गियों के सैंपल मंगाए गए हैं।
हजारीबाग में मृत मिला चील
हजारीबाग में गुरुवार को एक मृत चील मिला है। मृत चील लोहसिंघना थाना अंतर्गत मंडई रोड में मिला। पशु चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की टीम गठित कर चील की माैत के कारणों की जांच होगी।
जांच में बर्ड फ्लू का संकेत मिला तो सैंपल डिजिटल डायग्नोसिस सेंटर कोलकाता या भोपाल भेजेंगे।
बोकारो में एडवाइजरी जारी
बर्ड फ्लू को लेकर बोकारो में भी अलर्ट जारी किया गया है। कोरोना के खतरे के बीच दोहरे संकट से लोग कैसे बचें, इसके लिए खास तौर से एडवाइजरी जारी की गई है। जगह-जगह मुर्गियों की सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है।
जिला पशुपालन पदाधिकारी मनोज मणि के अनुसार बोकारो जिले के सभी नौ प्रखंडों में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर दिया गया है।
इस टीम में शामिल अधिकारियों की ओर से समय-समय पर बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचाव के लिए जांच में नमूने इकट्ठा किए जा रहे हैं।
डीसी राजेश सिंह ने स्वास्थ्य विभाग, कृषि, वन विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर सतर्क व सावधान रहने का निर्देश दिया है।
कहा कि जिले के सभी पोल्ट्री फार्म एवं डोमेस्टिक बर्ड्स जैसे कबूतर, मुर्गा, कौआ एवं बत्तख आदि के संपर्क में आने वाले लोगों के प्रति विशेष सतर्कता और निगरानी करने की आवश्यकता है।
पहले से तैयारी के निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को डीसी ने रैपिड एक्शन टीम का गठन करते हुए पीपीई किट, जरूरी केमिकल और जेसीबी मशीन की उपलब्धता पूर्व से ही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा जिला पशुपालन पदाधिकारी को अपने स्तर से प्रतिदिन खैरियत प्रतिवेदन पशुपालन, स्वास्थ्य एवं उत्पादकता संस्थान के निदेशक को भेजने को कहा। कहा कि प्रत्येक माह बर्ड फ्लू का नमूना निदेशक को भेजा जाय।
क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षणों में धीरे-धीरे बुखार, नाक से खून निकलना, लगातार कफ आना, नाक बहना, सिरदर्द, बदन दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, गले में सूजन और खराश, उल्टी और दस्त, सांस लेने में समस्या, इंफेक्शन, आंख आना शामिल है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
बर्ड फ्लू से बचाव के लिए मरे हुए पक्षियों से दूर रहें, बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में नॉनवेज न खाएं तथा मास्क पहनकर मुंह और नाक को ढकें। इस तरह का लक्षण मिलने पर तुंरत डॉक्टर की सलाह लें।
हाथ धोते रहे, खासकर खाने से पहले। इसके अलावा कबूतर, मुर्गी, कौवा आदि पक्षियों की खतरनाक बीमारियों पर अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क किया जा सकता है।