Jharkhand High Court: साहिबगंज में चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े एक मामले में आरोपी कुलदेव साह की दो क्रिमिनल अपील मामले की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई।
रिपोर्ट अनुसंधानकर्ता को सौपा
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गुमशुदा दोनो बच्चों के आधार कार्ड का बायोमेट्रिक्स यानी फिंगरप्रिंट्स, आंखों के रेटिना आदि के बारे में सरकार के आवेदन पर यूआईडीएआई (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) ने एक रिपोर्ट तैयार की है।
इस रिपोर्ट को सीलबंद रूप में अनुसंधानकर्ता को सौपा जाएगा।
कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार से अपडेट मांगी
वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि केंद्र की रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों बच्चों को ढूंढने की कार्रवाई और तेज होगी। कोर्ट ने दोनों गुमशुदा बच्चों को ढूंढने के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार से अपडेट जानकारी मांगी है।
वही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी जवाब दाखिल कर बताने को कहा है कि उसने सीलबंद रिपोर्ट अनुसंधानकर्ता को सौंपी है या नहीं। अगली सुनवाई मार्च माह में होगी।
पिछली सुनवाई में खंडपीठ ने यूआईडीएआई को दोनों बच्चों के आधार कार्ड से संबंधित मांगे गए बाॅयोमेट्रिक उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के आवेदन की आलोक में जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
चाइल्ड ट्रैफिकिंग का था पूरा मामला
दरअसल, कुलदेव साह और वीरेंन साह के खिलाफ परिवादी एम हेंब्रम ने साहिबगंज कोर्ट में अपने बेटे की चाइल्ड ट्रैफिकिंग करने को लेकर कंप्लेंन केस संख्या 148/2022 दर्ज कराई थी। उनका बच्चा वर्ष 2018 से लापता है। वहीं बोरियो थाना में कुलदेव साह एवं पप्पू साह के खिलाफ दर्ज कांड संख्या 2020/2022 में बी हांसदा ने अपने छोटे भाई की वर्ष 2014 में लापता होने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।