रांची: 2016 में शुरू हुई हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया 2021 में अब तक पूरी नहीं होने पर सोमवार सुबह अभ्यर्थियों का धैर्य जवाब दे गया। ऐसे में
11 गैर अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थियों ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास का घेराव कर दिया। वहीं धरना पर बैठ गए। साथ ही मंत्री से पूछा कि आखिर कब तक उन्हें नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ेंगी। पांच साल पहले शुरू हुई शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया अब तक क्यों नहीं पूरी हो पाई।
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी गणेश शंकर शाह ने बताया कि 11 गैर अधिसूचित जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहां शिक्षक अपना काम भी शुरू कर दिए हैं। लेकिन, इनकी नियुक्ति को बार-बार बहाने बनाकर क्यों लटकाया जा रहा है।
नौकरी के इंतजार में सड़क पर आ गए
अभ्यर्थियों का कहना है कि 2017 में इन्होंने परीक्षा दी। 2019 में रिजल्ट आया। सितंबर 2019 से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हुई।
दिसंबर तक इसके आधार पर मेरिट लिस्ट भी बना कर शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। इसके बाद भी इसे जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने में क्यों देर की जा रही है। अभ्यर्थियों ने कहा कि वे इस नौकरी के इंतजार में अब सड़क पर आ गए हैं।
मंत्री ने विभाग से मांगी जानकारी
इस संबंध में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इसकी जानकारी मांगी है। उन्होंने विभाग से पूछा है कि इनकी नियुक्ति को आखिर क्यों रोका जा रहा है? मंत्री ने कहा विभाग से जानकारी मिलने के बाद ही वे इस मामले में कुछ जानकारी दे पाने की स्थिति में होंगे।
यह है मामला
बता दें कि झारखंड के शिक्षा विभाग की तरफ से 2016 में हाई स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसे दो वर्गों में बांटा गया था। पहला अधिसूचित जिला और दूसरा गैर अधिसूचित जिला।
इसका विवाद कोर्ट में चला गया था। इसके कारण अधिसूचित जिले में तो नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन गैर अधिसूचित जिलों में नियुक्ति के मामले में देर हो गया है।
हालांकि, अब सभी समस्याओं का समाधान निकाल लिया गया है। इन अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट भी तैयार कर ली गई है।