गुमला: सरना-सनातन (Sarna-Sanatan) की पुण्यभूमि घाघरा प्रखंड (Ghaghra block) के हापामुनी ग्राम (Hapamuni Village) में चार दिवसीय ऐतिहासिक मंडा पर्व मंगल की रात संपन्न हो गया।
मौके पर 8 महिला समेत 142 भोक्ताओं ने पटभोक्ता महादेव उरांव के नेतृत्व में शिवोपासना करते हुए जलते हुए अंगारे पर चल कर अपनी अग्निपरीक्षा दी। इस पावन दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
काफी दूर से महिला पुरुष बड़ी संख्या में लेते हैं भाग
उल्लेखनीय है कि ये शिव भक्त गुमला, खूंटी, सिमडेगा, लातेहार ,जशपुर आदि क्षेत्र से यहां पहुंचे थे और लगातार चार दिनों तक शिव भक्ति में लीन रहें। व्रतधारी शिव भक्त मंगलवार को निराहार (Fasting) रहकर लोटन सेवा व तांडव नृत्य के साथ शिव को प्रसन्न करने में बिताया।
शिव भक्तों (Shiva Devotees) की सेवा से प्रसन्न महादेव के शिवलिंग से मंगलवार की मध्य रात्रि फूल माला एवं बिल्लव पत्र गिरते ही भोक्ता माला और बिल्व पत्र धारण कर नंगे पांव जलते व दहकते हुए अंगारे पर चलकर शिव भक्ति (Shiv Bhakti) की अग्नि परीक्षा दी।
धार्मिक सांस्कृतिक परम्परा का निर्वहन वर्षों से किया जा रहा
इस संबंध में पटभोक्ता मुख्य भक्त महादेव उरांव ने बताया कि शिव की असीम कृपा से सभी शिव भक्तों के लिए अंगारे फूल के समान महसूस होते हैं । जिस पर चलकर सभी शिवभक्त अपने मनोवांछित वरदान (Desired Boon) प्राप्त कर करते हैं।
मंडा मेला के संरक्षक सह अध्यक्ष अवध मनी पाठक ने बताया कि पूर्वजों के द्वारा बनाई गई इस धार्मिक सांस्कृतिक परम्परा का निर्वहन वर्षों से किया जा रहा है।
मंडा मेला समिति द्वारा कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया
मालूम हो कि मंडा महापर्व में मनोकामना पूर्ति हेतु फुलखुंदी व्रत के लिए लोग काफी दूर से महिला पुरुष बड़ी संख्या में हापामुनी मंडा मेला (Hapamuni Manda Fair) में भाग लेते हैं। इस अवसर पर मंडा मेला समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) का भी भव्य आयोजन किया गया ।
ठेठ नागपुरी गीतों का श्रोताओं ने रात भर आनंद उठाया । साथ ही मेले में लगे झूले खिलौने,मिठाई सहित मनोरंजन के कई साधनों का भी दर्शकों ने भरपूर उपयोग किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडा मेला समिति हपामुनी (Manda Mela Committee Hapamuni) के मुख्य संरक्षक सह अध्यक्ष अवध मनी पाठक ,पूर्व मुखिया आदित्य भगत , बी बी पाठक,कृष्ण जीवन पाठक ,प्रदीप मणि पाठक, पीयूष पाठक पुनई उरांव आदि की सराहनीय भूमिका रही।