नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास परियोजना की समीक्षा और सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को यहां बड़ी समीक्षा बैठक की।
इसमें नक्सल और चरमपंथ प्रभावित 10 राज्यों में से छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की। बैठक में बाकी चार राज्यों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई इस बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।
वहीं बैठक में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लिया।
हालांकि इन राज्यों के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में शिरकत की।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में गृह मंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ वर्तमान में माओवादियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन, सुरक्षा स्थिति सहित विकास परियोजना के बारे में जानकारी ली।
बैठक हर साल एक या दो बार होती है। कोरोना के चलते पिछले साल यह बैठक नहीं हो पाई थी।
गृहमंत्री ने माओवादियों के खिलाफ राज्यों के अभियान और विकास योजनाओं से जुड़ी जरूरतों को जाना।
बैठक में केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, गिरिराज सिंह, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय भी शामिल रहे।
इसके अलावा गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी निदेशक अरविंद कुमार के साथ केंद्र और राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। देश में इस समय 90 जिले माओवाद से प्रभावित माने जाते हैं।
हालांकि इनमें से 45 जिलों में ही माओवादी घटनाएं होती हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में बड़े अभियान की तैयारी में लगी है।