मेदिनीनगर: नेवी जवान सूरज कुमार दुबे हत्याकांड को लेकर गृह मंत्रालय एक्शन में आ चुका है। इस मामले से पर्दा उठे, इसके लिए विशेष अनुसंधान दल का गठन किया गया है।
महाराष्ट्र पुलिस पलामू जिले के पूर्वडीहा गांव में शहीद जवान के घर मंगलवार को पहुंची। महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों के गांव में पहुंचते ही गांव के लोग एकत्र हो गए।
परिजनों से मिलकर एक-एक कर पूछताछ की। अनुसंधान कर रहे सब-इंस्पेक्टर ने बताया की सूरज दुबे हत्याकांड को लेकर महाराष्ट्र पुलिस गंभीर है। दल का गठन किया गया है।
अनुसंधान दल की एक टुकड़ी झारखंड आयी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीन अपराधियों ने सूरज दुबे का अपहरण कर महाराष्ट्र के पालघर के पास जिंदा जला दिया था।
टीम ने सूरज दुबे के पिता मिथिलेश दुबे, भाई नीरज दुबे और मां व भाभी का अलग-अलग बयान दर्ज किया है।
पिता मिथिलेश दुबे और भाई नीरज दुबे ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने सभी कागजी कार्रवाई हिंदी या अंग्रेजी में नहीं करके मराठी भाषा में पूरी की।
परिजनों के बयान भी मराठी में ही दर्ज किया और उस पर साइन कराए।
उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उन्होंने जो बयान दर्ज कराया है, वही लिखा गया है या नहीं।
सूरज हत्याकांड की जांच महाराष्ट्र पुलिस की 10 टीमें कर रही हैं। साथ ही कुछ ग्रामीणों का भी बयान कलमबंद किया गया।
सभी के मोबाइल नंबर भी लिये हैं टीम ने बताया कि घरवालों के मुताबिक सूरज दुबे के पास दो सिम कार्ड थे, जिन पर उनकी बात होती थी।
लेकिन, अनुसंधान में एक तीसरे नंबर के बारे में भी पता चला है। घरवाले उस नंबर से अनभिज्ञ हैं। पिता मिथिलेश दुबे ने कहा कि उनके पुत्र का किसी के साथ कोई विवाद नहीं था और न ही उसने कोई परेशानी का जिक्र किया था।
उसकी हत्या के पीछे कोई गहरी साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए, अनुसंधान दल के सदस्यों ने बारीकी से एक-एक बिंदु की जानकारी ली। घर आने पर सूरज दुबे क्या करते थे, किससे बात होती थी।
शादी के फैसले के बाद खुश थे या नहीं, आखिरी बार घरवालों से फोन पर बातचीत में क्या कहा आदि के बारे में जानकारी ली।
सब-इंस्पेक्टर ने कहा कि बयान दर्ज कर लिया गया है। अब अनुसंधान को आगे बढ़ाया जायेगा। पलामू एसपी संजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस को मदद की जा रही है।
गौरतलब है कि मृतक नेवी का जवान की हत्या को ज़िले के लोगों में भारी आक्रोश है।
विशेष रूप से पूर्वडीहा गांव के ग्रामीण इस घटना में जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन का मूड बना चुके हैं।