रांची: झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के आंदोलन का सकारात्मक असर दिखने लगा है।
आंदोलन को लेकर सरकार में हड़कंप मची है। आलम ये है कि छुट्टी के दिन संडे को भी शिक्षा विभाग खुल रहा है।
वहां पारा शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग वेतनमान व स्थायीकरण करने की दिशा में युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने प्रस्ताव तैयार करने का कहा गया है।
उन्होंने शिक्षा सचिव राहुल शर्मा को पूरा प्रस्ताव भेजने को कहा है। बता दें कि उच्चस्तरीय कमेटी ने पारा शिक्षकों को 5200-20200 का वेतनमान तथा 2000 से 2400 का ग्रेड पे देने की सिफारिश की है।
पारा शिक्षकों का कहना है कि अष्टमंगल के नेतृत्वकर्ताओं की कारगार रणनीति के आगे सरकार झुक चुकी है। बहुत जल्द सरकार पारा शिक्षकों के वेतनमान को लेकर घोषणा कर सकती है। संभव है अगले सेशन से वेतनमान की घोषणा हो।
बताया जाता है कि वे शीघ्र ही इसे लेकर बैठक बुलाएंगे।
मंत्रियों ने शांतिपूर्ण ढंग से घेराव कार्यक्रम कर रहे पारा शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराते हुए उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसा लागू कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शीघ्र बात करने का आश्वासन दिया।
ये है उच्चस्तरीय कमेटी की रिक्मेंडेशन
उच्चस्तरीय कमेटी ने पारा शिक्षकों को 5200-20200 का वेतनमान तथा 2000 से 2400 ग्रेड पे देने की सिफारिश की है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास पारा शिक्षकों को जहां सीधे वेतनमान का लाभ मिलेगा, वहीं गैर टेट पारा शिक्षकों को इसके लिए परीक्षा देनी होगी।
पारा शिक्षकों को तीन बार वेतनमान के लिए परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसमें पास करने पर उन्हें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। पारा शिक्षक यदि यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं, तो भी उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा।
हालांकि, परामर्श मांगे जाने पर विधि विभाग ने सभी पारा शिक्षकों को स्थायी करने के लिए टेट पास करना जरूरी बताया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने पारा शिक्षकों का कराया मुंह मीठा
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों को लड्डू खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया।
उन्होंने भी पारा शिक्षकों को मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी बातों को रखने तथा समस्या के समाधान का अनुरोध करने का आश्वासन दिया।
कहा कि पिछली सरकार ने पारा शिक्षकों पर लाठी चलाकर आंदोलन को कुचलने का काम किया था।
पाकुड़ में मंत्री आलमगीर आलम ने भी पारा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कैबिनेट की अगली बैठक से पहले पारा शिक्षकों की मांगों पर मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया।
मिथिलेश ठाकुर ने कहा, जल्द मिलेगी खुशखबरी
गढ़वा में अपने आवास का घेराव कर रहे पारा शिक्षकों से पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरकार पूरी तरह से पारा शिक्षकों के साथ है। उनके हित के प्रति गंभीर है। जल्द ही पारा शिक्षकों को खुशखबरी सुनने को मिलेगी।
रविवार का प्रदर्शन वेतनमान की गारंटी
सभी आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने आज मंत्री आवास घेराव कार्यक्रम पर जोर लगा दिया है। पारा शिक्षकों का कहना है कि
सरकार की नजर 24 के कार्यक्रम पर टिकी हुई है। इसी कार्यक्रम के सफल आयोजन पर वेतनमान मिलने की गारन्टी होगी, इसलिए हम सभी मिल कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी ताकत झोंकने का काम किया।
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गंभीर
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेताओं अनुसार अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तो पारा शिक्षक 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। इधर, पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गंभीर हैं।
उन्होंने पिछले दिनों पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता में स्थायीकरण के मुद्दे पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया था। हालांकि इस बीच वे दिल्ली चले गए थे।
3 की जगह बीते 12 महीने
अष्टमण्डल सदस्य ने कहा कि पारा शिक्षकों की एकता को देखकर सरकार हरकत में है। अब हम सभी पारा शिक्षक बिना मांग पूरा हुए मानने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है।
तबतक हमलोग चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे।
आंदोलन से सरकार की नींद हराम हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन महीने कहकर एक वर्ष में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाई है।
यदि सरकार समय रहते नहीं चेतती है तो आने वाला कल राज्य में भयावह स्थिति होगी। जिसकी ज़िम्मेदार राज्य सरकार होगी।
अपनी राजनीति चमकाने वालों से रहें सतर्क
अष्टमण्डल सदस्य मनोज शर्मा ने कहा है कि साथियों कुछ षडयंत्रकारी लोग आपको फोन/ग्रुप के माध्यम से दिग्भ्रमित करने का प्रयास करेंगे/ कर रहे हैं, उससे सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि कुछ अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं और हम सभी 65000 का जीवन नर्क बनाने का प्लान बना चुके हैं, उसका एक मात्र हथियार प्रशिक्षित पारा शिक्षक हैं।
बार बार प्रशिक्षित बोल कर आपको दिग्भ्रमित करेगा, फुट डालने का भरपूर प्रयास करेगा क्योंकि अपनी राजनीति चमकाने के लिए आपके दरवाजे तक भी जाएंगे और कहेंगे कि आपके जीवन का कल्याण करेंगे, इसलिए आप हमारे साथ आइए।
हमारे जिले के भी कुछ षड्यंत्रकारी हैं और वे लोग प्रत्येक प्रखंड के अगुआ साथी को फोन किया है और उसको दिग्भ्रमित करने का काम किया है तो कुछ साथी दिग्भ्रमित हो भी गए और कुछ साथियो ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया, लेकिन वैसे बेशर्म को अपनी इज्जत का भी ख्याल नहीं है।
इसी सप्ताह सीएम के साथ बैठक
उन्होंने कहा है कि इसी सप्ताह मुख्यमंत्री द्वारा उच्चस्तरीय कमिटी की मौजूदगी में अष्टमंगल के साथ बैठक होगी और 65000 पारा शिक्षकों के हितार्थ नियमावली को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
पहली से पांचवी तक को 2400 ग्रेड पे और छठी से आठवीं तक को 2800 ग्रेड पे मिलेगा।
नारेबाजी कर रहे आंदोलनकारी, मंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ी
इधर, पारा शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई।
जैसे ही पारा शिक्षक आवास की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने करीब 200 मीटर पहले ही उन्हें रोक दिया।
इसके बाद सभी पारा शिक्षक डीआईजी ग्राउंड में ही धरना पर बैठ गए। लिहाजा पारा शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने लगे।
धरने पर बैठे पारा शिक्षकों ने कहा- मुख्यमंत्री का वादा पूरा नहीं हुआ। ऐसे में पारा शिक्षक संघ को बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक-एक कर सभी मंत्रियों का आवास घेरेंगे।
डीएसपी पूरे दलबल के साथ खुद मौके पर मौजूद रहे। वहीं, पारा शिक्षकों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।
गौरतलब है कि पारा शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया जाएगा, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो 10 फरवरी को राज्य भर के 60 हजार से अधिक पारा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
इस तरह मंत्री आवास की बढ़ा दी गई सुरक्षा
अपनी मांगों को लेकर पारा शिक्षकों ने रविवार को झारखंड सरकार के मंत्रियों के आवास का घेराव किया।
इसी क्रम में पारा शिक्षकों का एक समूह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास के बाहर धरने पर बैठे।
रांची के कोकर डीआईजी मैदान के पास स्थित आवास से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर पेड़ के नीचे महिला और पुरुष पारा से एक साथ धरने पर बैठे थे। इनमें पुरुष के साथ-साथ महिला शिक्षिकाएं भी शामिल हैं।