बंगाल चुनाव में भाजपा के लिए कितने बेहतर साबित हो सकते हैं दागदार मिथुन दा

News Aroma Media
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कोलकाता: बंगाल की राजनीति में दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का नाम इन दिनों सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के साथ ही मिथुन फिर से सुर्खियों में हैं।

बीजेपी के मंच पर उन्होंने खुद को कोबरा सांप करार दिया।

लेकिन मिथुन से जुड़े कुछ पुराने विवाद उन्हें ही डंसते नजर आ रहे हैं। सियासत में मुर्दे कभी गाड़े नहीं जाते।

राजनीति के अखाड़े में उतरने के साथ ही मिथुन से जुड़े विवादों को भी हवा मिलने लगी।

दरअसल, यूपी में एक समय बीजेपी के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर ने मिथुन के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बयान दिया।

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और विधायक राजभर ने कहा कि मिथुन के बेटे पर रेप का आरोप है।

विपक्षी नेता भी कहीं गुपचुप, कहीं खुलेआम मिथुन पर बेटे के रेप केस और खुद पर चिटफंड घोटाले के आरोपों के मद्देनजर बीजेपी में शामिल होने की बात कह रहे हैं।

मिथुन के बेटे महाअक्षय उर्फ मिमोह चक्रवर्ती पर लगा आरोप पिछले साल अक्टूबर महीने का है।

मुंबई में एक टीवी अभिनेत्री ने मिमोह पर शादी का झांसा देकर तीन साल तक यौन उत्पीड़न करते रहने का आरोप लगाया था।

ओशिवारा थाने में दर्ज हुई शिकायत में मिमोह की मां और मिथुन की पत्नी योगिता बाली का नाम भी शामिल था।

इस आरोप की वजह से मिमोह की मदालसा शर्मा के साथ शादी टूटने का भी खतरा बन गया था।

शिकायत के अनुसार पीड़िता और मिमोह साल 2015 से रिलेशनशिप में थे।

मिमोह ने उनसे शादी करने का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए थे। मिमोह ने अभिनेत्री को अपने घर मिलने के लिए बुलाकर सॉफ्ट ड्रिंक में नशीली दवा दी थी।

इसके बाद उन्होंने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। आरोप है कि मिमोह शादी का झांसा देकर 3 साल तक संबंध बनाते रहे। इतना ही नहीं, प्रेग्नेंट होने पर पिल्स देकर अबॉर्शन भी करवा दिया।

यह रही बेटे की बात, अब मिथुन खुद से जुड़े मामले को लेकर भी विपक्षी दलों के निशाने पर हैं।

दरअसल, मिथुन पहली बार राजनीति में कदम नहीं रख रहे हैं। मिथुन का इतिहास भी है।

वह कभी सीपीएम के करीबी थे और फिर ममता के शासनकाल में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

वह 2014 में टीएमसी के राज्यसभा सांसद भी बने। हालांकि 2016 में शारदा चिटफंड घोटाले में नाम सामने आने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। मिथुन, शारदा कंपनी में ब्रैंड एंबैसडर थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे घोटाले को लेकर कई बार पूछताछ भी की है। बाद में मिथुन ने कंपनी को करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये की रकम भी लौटा दी थी।

इसके बाद मिथुन ने अनिश्चितकाल के लिए राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी।

अब बीजेपी के साथ नए अवतार में सामने आए फिल्म इंडस्ट्री के ‘डिस्को डांसर’ की राजनीति कितनी जमेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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