मुंबई/रांची: कोरोना वायरस से बचने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।
इसी कड़ी में देशभर में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन वैक्सीनेशन का फायदा केवल शिक्षित वर्ग और उन लोगों को मिल रहा है जो स्मार्ट फोन यूजर्स हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बताया है। ऐसे में झुग्गियों में रहने वाले लोग वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं। लेकिन झुग्गियों रहने वाले लोगों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का अभाव है।
सबसे पहले झुग्गियों में रहने वाले ज्यादातर लोग स्मार्टफोन यूजर नहीं हैं और अगर किसी के पास स्मार्टफोन है भी तो उन्हें रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं है।
जबकि सरकारी अनुमानों के मुताबिक करोड़ आबादी में से 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग झुग्गियों में रहते हैं और वर्तमान समय में ये वैक्सीन का लाभ लेने में असमर्थ हैं।
झुग्गियों में रहने वाले कुछ लोगों ने वैक्सीन को लेकर अपनी समस्याएं साझा की हैं। एक मजदुर ने बताया कि उसके पास एक एंड्रॉयड फोन है, लेकिन डाटा पैक नहीं है, जिसकी वजह से वो वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा सका है।
साथ ही उसने बताया कि उसने पड़ोसी की मदद से रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश लेकिन वो भी ना हो सका।
उसे रजिस्ट्रेशन की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए साल के अंत में जब वोअपने गांव जाएगा तो वहीं वैक्सीन लगवाएगा।
वहीं एक महिला कहती हैं कि पिछले महीने कोविशील्ड की पहली डोज लाइन में लगकर ली थी और अगले हफ्ते दूसरी डोज के लिए जाना है, लेकिन उनके पास ना तो मोबाइल है और ना उन्हें कोविन ऐप की कोई जानकारी है।
पहली डोज उन्हें कूपर अस्पताल में लगी थी, लेकिन अब ऑनलाइन प्रक्रिया की उनको कोई जानकारी नहीं है।
किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी या सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिनिधि ने झुग्गियों का दौरा नहीं किया है, जो लोगों को वैक्सीन के बारे में जानकारी दे सकें।