Ranchi Human Milk Bank: राज्य के चार जिलों में नवजातों के लिए मां का दूध (Mother’s Milk) उपलब्ध कराने के लिए स्पेशल बैंक (Special Bank) बन रहे हैं, जो नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होंगे।
कई बार नवजात मां के दूध से कई कारणों से वंचित रह जाते हैं। अब ऐसे शिशुओं की माताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, अब उन्हें बैंक से ही मां का दूध मिल जायेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य योजना के तहत राज्य के बोकारो, दुमका, हजारीबाग एवं रांची के अस्पतालों में मानव दूध बैंक यानी ह्यूमन मिल्क बैंक (Human Milk Bank) बनाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने पूरी कर ली है।
डॉक्टरों के मुताबिक कई माताओं को प्रसव के बाद दूध नहीं होता। इसलिए उनका नवजात स्तनपान से वंचित हो जाता है। कई ऐसे बच्चे भी हैं, जिनकी माता किसी कारणवश दुनिया में नहीं हैं। ऐसे शिशुओं को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग चार शहरों में मानव दूध बैंक बनाने जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसकी स्थापना पर सवा करोड़ रुपये खर्च होंगे। टेंडर का प्रोसेस भी शुरू हो चुका है। इसके लिए दो तिहाई राशि केंद्र एवं एक चौथाई राज्य बजट से खर्च होग। इसके लिए चयनित एजेंसी दूध दान करने वालों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाएगी।
दूध दान करने के लिए कुछ नियम भी बनाये गये
इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्येक 100 प्रसूता माता में से तीन चार के साथ ऐसी समस्या आती है।नवजात बच्चे स्तनपान (Feeding The Beast) के बिना कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होते हैं। दूध बैंक में महिलाएं अपनी इच्छा से दूध दान भी कर सकेंगी।
डॉक्टरों के अनुसार स्तन के दूध को आठ महीने तक संग्रहित किया जा सकता है। हालांकि, दूध दान करने वाली महिलाओं के लिए सबसे पहली शर्त है कि उन्हें स्वस्थ होना चाहिए। वर्तमान में स्तनपान करा रही हो, हेपेटाइटिस (Hepatitis) का कोई सबूत नहीं हो तथा HIV निगेटिव हो। ऐसी महिलाएं ही दूध दान कर सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में इस तरह के दूध बैंक हैं, जिनसे नवजात बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जाता है। दूध दान करने के लिए कुछ नियम भी बनाये गये हैं, जिसके तहत दूध दान करने के लिए इच्छुक या तैयार माताओं की स्क्रीनिंग (Screening of Mothers) कराई जाएगी। उन्हें विकल्प भी दिया जाएगा।