चाईबासा में हत्या के आरोप में पति-पत्नी को हुई आजीवन कारावास की सजा

इसके बाद थाना में मामला दर्ज कराया। पुलिस को अनुसंधान के क्रम में पता चला कि रमेश तिर्की को उक्त दोनों ने मिलकर हत्या कर दी और शव को कहीं छुपा दिया है

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चाईबासा: प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत (Court) ने शुक्रवार को हत्या के मामले में दंपति को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई।

साथ ही 10-10 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया। आरोपियों में आनंदपुर के रूची कोचा गांव निवासी बानु मिंज और उसकी की पत्नी जगनी मिंज उर्फ शांति मिंज शामिल है।

दोनों के खिलाफ आनंदपुर के गुड़गांव निवासी सीमा तिर्की के बयान पर 11 जुलाई 2019 को आनंदपुर थाना (Anandapur Police Station) में मामला दर्ज कराया गया था।

क्या है पूरा मामला?

मामले में बताया गया कि सीमा तिर्की का भाई रमेश तिर्की 22 फरवरी 2018 को भानु मिंज के घर गया था।

लेकिन दो-तीन दिन बीतने के बावजूद वह घर नहीं आया। जिसके बाद पता चला कि बानु मिंज उसकी पत्नी शांति मिंथ काम करने के लिए सूरत चले गए हैं।

सीमा सोची की उन लोगों के साथ उसका भाई भी सूरत चला गया है। कुछ दिन बीत जाने के बाद पता चला कि बानु और उसकी पत्नी शांति सूरत से आ गए हैं।

जिसके बाद सीमा के गांव जाने पर उसे देखते ही शांति भागने लगी। जिसके बाद सीमा को शक होने लगा कि भाई के साथ कोई घटना घट गई है।

इसके बाद थाना में मामला दर्ज कराया। पुलिस को अनुसंधान के क्रम में पता चला कि रमेश तिर्की को उक्त दोनों ने मिलकर हत्या कर दी और शव को कहीं छुपा दिया है।

दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ किया तो दोनों ने हत्या करने की बात को स्वीकार किया।