मुंबई: लगातार तीन तिमाहियों में पैसा निकालने के बाद हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund) योजनाओं ने निवेशकों को फिर लुभाना शुरु किया हैं।
डेट फंड्स (Debt Funds) पर टैक्स में हालिया बदलाव के बाद जून तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं को 14,000 करोड़ रुपये का निवेश मिला है।
Hybrid Mutual Fund वे फंड्स होते हैं जो शेयर, बॉन्ड और डेट में एकसाथ निवेश करते हैं। कई बार इनके द्वारा सोने जैसी अन्य संपत्तियों में भी पैसा लगाया जाता है।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड निवेश के अच्छे विकल्प
यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में हाइब्रिड योजनाओं में आए 10,084 करोड़ रुपये निवेश से कहीं अधिक है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India) के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन तिमाही में हाइब्रिड कोषों के असेट अडंर मैनेजमेंट (Asset Under Management) और फोलियो (Folio) की संख्या में भी वृद्धि हुई।
दरअसल हाइब्रिड म्यूचुअल फंड मध्यम या कम जोखिम वाले निवेशकों को लुभाते हैं। इन्हें हमेशा अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है, क्योंकि ये शेयर बाजारों में भागीदारी से जुड़े जोखिम को कम करते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में जून तिमाही में 14,021 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इससे पहले लगातार तीन तिमाहियों में इन कोषों से निवेशकों ने निकासी की थी। निवेशकों ने मार्च तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड से 7,420 करोड़ रुपये, दिसंबर तिमाही में 7,041 करोड़ रुपये और सितंबर तिमाही में 14,436 करोड़ रुपये निकाले थे।
Bond Mutual Fund से लोगों की रूचि घटी
जून तिमाही में हाईब्रिड फंड में आया निवेश दिसंबर, 2021 तिमाही के बाद सर्वाधिक है। तब इन योजनाओं में 20,422 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
बाजार जानकार हाइब्रिड योजनाओं में निवेश के लिए डेट फंड (Debt Fund) को लेकर टैक्स प्रणाली में बदलाव को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने बॉन्ड म्यूचुअल फंड (Bond Mutual Fund) में अपना आवंटन घटाते हुए संभवत: हाइब्रिड कोषों में निवेश बढ़ाया है।