Hyderabad Politics and Fraud : हाई कोर्ट (High Court) के एक जज साहब करना चाहते थे कुछ और हो गया कुछ और। मामला राजनीति और ठगी से जुड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, BJP को चुनावी चंदा देने के लिए Electoral Bond खरीदने के लिए सेवानिवृत जज ने ढाई करोड़ रुपए दे दिए। कुछ दिनों पर भी उन्हे कोई बांड नहीं मिला।
इसके बाद उन्होनें प्रकरण दर्ज कराया। Allahabad और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जज रह चुके रिटायर्ड जस्टिस DSR वर्मा ने हैदराबाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करा शिकायत की है कि उनके साथ दो लोगों ने 2.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जालसाजों ने कथित तौर पर बीजेपी के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के नाम पर उनसे ये रकम ली थी लेकिन कभी बॉन्ड खरीदे ही नहीं गए।
2010 में अपने पद से सेवानिवृत होने वाले जज साहब ने तीन दिन पहले यानी 27 फरवरी को हैदराबाद के एक थाने में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। दर्ज FIR में कहा गया है कि उनके परिवार ने आपस में मिलकर ये रकम जुटाई थी।
बकौल पूर्व जज, परिवार से इकट्ठा करने के बाद ये रकम दोनों आरोपियों को भुगतान की गई थी ताकि वे इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकें लेकिन कभी कोई बॉन्ड जारी ही नहीं किया गया। शिकायत में कहा गया है कि ये बॉन्ड BJP के पक्ष में जारी किए जाने थे।
FIR में जिन दो लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें एक नरेंद्रन और दूसरा सरथ रेड्डी है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में पूर्व जज ने आरोप लगाया है, नरेंद्रन, जो हमारे रिश्तेदारों का एक परिचित व्यक्ति है, अपने परिचय का फायदा उठाते हुए मेरे पास आया और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के लिए कुछ चंदे की मांग की जिसे बॉन्ड के माध्यम से स्वीकार किया जाना था।
नरेंद्रन ने सरथ रेड्डी को हमसे रकम लेने का जिम्मा सौंपा था। (कहा जाता है कि सरथ रेड्डी आत्मिया होम्स नाम की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में शामिल हैं)।
पूर्व जज ने यह भी आरोप लगाया कि सरथ रेड्डी ने उन्हें और उनके पोते-पोतियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में सम्मानजनक स्थान देने का वादा किया था, क्योंकि वह इलाहाबाद और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश रह चुके हैं।
रिटायर्ड जज ने कहा कि वह और उनका परिवार उसके झांसे में आ गया और उनकी पत्नी और बेटी ने 2021 में समय-समय पर कुल 2.5 करोड़ रुपये उसे दे दिए। उन्होंने कहा कि व्हाटसएप पर उसके साथ चैट टेक्स्ट के सबूत भी हैं।
पूर्व जज ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि ना तो उनके परिजनों को अमेरिका में मदद दी गई और ना ही उनके दिए गए रकम से कोई Electoral Bond खरीदा जा सका। सीधे-सीधे यह उनके साथ धोखाधड़ी की गई है।