नई दिल्ली: नवाजुद्दीन सिद्दीकी को लगता है कि भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म चरमरा रहा है।
यहां हर कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुछ करना चाहता है, लेकिन कला के लिए नहीं बल्कि व्यापार के लिए।
नवाजुद्दीन ने आईएएनएस से कहा, स्पष्ट रूप से कंटेन्ट के लिए ओटीटी एक प्लेटफॉर्म होता था लेकिन वो बॉलीवुड फॉर्म से अलग था और उसका एक अलग चरित्र या शैली थी।
मैं सोशल कंटेन्ट की बात नहीं कर रहा बल्कि दर्शकों के लिए कंटेन्ट की बात कर रहा हूं, जो बॉलीवुड के नियमित कंटेन्ट से कुछ अलग चाहते हैं।
अभी इसकी भरमार हो गई है। हमारे यहां भेड़ चाल चलने की प्रवृत्ति है। इससे स्तर में गिरावट आना तय है।
अभिनेता की सीरियस मेन, रात अकेली है और घूमकेतु प्रोजेक्ट इस साल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा, हम लॉग आर्ट को धंधा बना देते हैं।
मुझे डर है कि यह ओटीटी स्पेस में भी होगा कि बिजनेस के लिए कुछ भी दिखाओ। बल्कि ऐसा हो भी रहा है।
उदाहरण के लिए मुझे उम्मीद नहीं थी कि कुछ फिल्में नेटफ्लिक्स पर रिलीज होंगी, लेकिन उन्हें नेटफ्लिक्स पर विशेषकर भारत में रिलीज किया जा रहा है।
नेटफ्लिक्स और अन्य ओटीटी सेवाओं के दर्शकों में बहुत फर्क है।
उन्होंने आगे कहा, एक समय था जब सेक्रेड गेम्स स्टार भारत में ओटीटी की लहर को लेकर आशान्वित थे, लेकिन अब नहीं हैं।
अब लग रहा है कि यह घट रहा है। ऐसा तब होता है जब लोग सभी दिशाओं से आते हैं और रचनात्मकता के नाम पर व्यापार करते हैं।
एक बार लगा था, जब दो-चार शो आए थे, तब लगा कि ओटीटी के बढ़ने के चांस हैं लेकिन बाद में वो बिजनेस बन गया।
नवाजुद्दीन ने ये बातें सैफ अली खान, समांथा अक्किनेनी, मनोज वाजपेयी, टिस्का चोपड़ा और दिव्या दत्ता जैसे सितारों के साथ इंडस्ट्री के भविष्य पर चर्चा के दौरान कहीं।
यह चर्चा रॉयल स्टैग बैरल सिलेक्ट लॉर्ज शॉर्ट फिल्म्स ईवनिंग के तहत की गई, जो जल्द ही जी नेटवर्क पर आएगी।