वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो वाशिंगटन ताइवान के बचाव में आने के लिए प्रतिबद्ध है।
गुरुवार को सीएनएन के टाउन हॉल के दौरान दो बार यह पूछे जाने पर कि अगर चीन ने हमला किया तो क्या अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा, बाइडेन ने इसपर हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, हां, हमारे पास ऐसा करने की प्रतिबद्धता है।
बाइडेन ने अतीत में इसी तरह के बयान दिए हैं। वहीं व्हाइट हाउस का कहना है कि लंबे समय से अमेरिकी नीति द्वीप के प्रति नहीं बदली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ताइवान को रक्षात्मक हथियार मुहैया कराता रहा है, लेकिन यह इसे लेकर जानबूझकर अस्पष्ट बना हुआ है कि क्या वह चीनी हमले की स्थिति में सैन्य हस्तक्षेप करेगा।
वन चाइना नीति के तहत, अमेरिका ताइवान पर चीन की संप्रभुता के दावे को स्वीकार करता है। हाल के हफ्तों में, बीजिंग ने दर्जनों युद्धक विमानों को ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड ) में भेजा है।
रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने टाउन हॉल के बाद ताइवान पर बाइडेन की टिप्पणियों को स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चीन और ताइवान के बारे में अपनी टिप्पणी में हमारी नीति में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं कर रहे हैं और हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं है।
बाइडेन ने शी के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि वह लंबे समय तक संघर्ष में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, मैंने किसी भी अन्य विश्व नेता की तुलना में शी जिनपिंग के साथ अधिक समय बिताया है। मैं चीन के साथ शीत युद्ध नहीं चाहता। मैं चाहता हूं कि चीन समझें कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं और अपने किसी भी विचार को नहीं बदलेंगे।