पाकुड़: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिसफिका हसन ने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीनों कृषि क़ानून किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, उनको उनकी उपज का उचित मुख्य दिलाने, उनकी कमाई को दुगुना करने, उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने आदि के मद्देनजर मील का पत्थर साबित होंगे।
आने वाले समय में इनके सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। ये बातें उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहीं।
उन्होंने कहा कि अस्तित्व का संकट झेल रहे विपक्षी दलों द्वारा इसे लेकर लगातार किसानों के साथ ही संपूर्ण देश को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया।उन्होंने विपक्ष द्वारा जारी कथित दुष्प्रचार का बिंदुवार खंडन किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष के दवाब के आगे सरकार झुकने वाली नहीं है।
लेकिन किसानों की अगर कोई जायज़ आपत्ति है, तो सरकार उन आपत्तियों पर निश्चित रूप से विचार करेगी। लेकिन दशकों से किसानों की जो अवस्था है उसमें इन कृषि क़ानूनों के द्वारा जो सुधार करने के प्रयास हैं उनसे सरकार पीछे नहीं हटेगी।
आज किसान अपने उपज को देश के किसी भी हिस्से में, जहाँ उसे उपज का अधिकतम मूल्य मिले वहाँ बेच सकता है तो इसमें क्या बुराई है।
अगर आज किसान अपने आलू,प्याज़,धान वग़ैरह का भंडारण करके उसे उस समय बेच सकता है जब उसे उपज का अधिक दाम मिले तो इसमें क्या बुराई है।
अगर आज किसान अपनी फसल कटने के पहले ही कौन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग के तहत अपने फसल का दाम तय कर सकता है और अपनी फसल के दाम का अग्रिम भुगतान भी पा सकता है तो इसमें क्या बुराई है।
साथ ही किसी विवाद की स्थिति में स्थानीय एस डी एम के समक्ष विवाद का निपटारा भी कर सकता है, तो इसमें क्या बुराई है।
अगर किसान सरकारी मंडियों के लाभ के साथ निजी मंडियों और व्यापारियों के साथ भी मोल तोल का अधिकार पाता है तो इसमें क्या बुराई है। इन व्यवस्थाओं के तहत अगर किसान एमएसपी से अधिक मूल्य पाने की स्थिति में आ सकता है तो इसमें क्या बुराई है।
मिसफिका हसन ने कहा कि विपक्ष का ये विरोध सिर्फ़ राजनीतिक रोटी सेंकने की क़वायद है और देर सबेर किसान विपक्ष की चाल को समझेंगे। वे इतना तो जरूर समझेंगे कि नये कृषि क़ानूनों का उद्देश्य सिर्फ़ किसानों की हालत बेहतर करना है।