रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने डीवीसी को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह झारखंड पर आंखें तरेरना बंद करे। क्योंकि हमने आंखें बंद कर लीं तो डीवीसी के लिए राज्य में परियोजना चलाना मुश्किल हो जायेगा।
शुक्रवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भट्टाचार्य ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए बिजली घोटाले और डीवीसी के बकाये की कीमत राज्य को एकतरफा झेलनी पड़ रही है।
डीवीसी जबरन पैसे काट रही है। आगे भी धमकी दी जा रही है कि दो किस्त काटेंगे। जबकि हम 86,000 करोड़ रुपये केंद्र से विभिन्न कंपनियों के लैंड रेंट के नाम पर पाते हैं।
उन्होंने कहा कि डीवीसी के प्रोजेक्ट का 90 फीसदी हिस्सा झारखंड में है। वहीं, दस प्रतिशत हिस्सा पश्चिम बंगाल में है।
इसका जो डूब क्षेत्र है वह हजारों गांवों को लील चुका है। डूबे हम और फले-फूले कोई और यह विचित्र व्यवस्था कायम है।
इसपर भी डीवीसी आंख तरेर रही है। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम टकराव के रास्ते पर नहीं जाना चाहते। पर जुल्म जारी रहा तो हम जवाब देने को मजबूर हो जायेंगे। भाजपा ने भ्रष्टाचार का जो बीज बोया, उसे सीबीआइ ने चिह्नित किया।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद वर्ष 2004 में पहली जेपीएससी और 2008 में जो जेपीएससी का रिजल्ट आया। उसकी जांच सीबीआइ ने पूरी कर ली है।
सीबीआइ ने 55 ऐसे अभ्यर्थियों को चिह्नित किया जो जेपीएससी के चेयरमैन और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के करीबी रहे हैं।
इन लोगों ने घोटाला कर अपने स्वजनों तथा सत्ताधारी दल के विधायकों के रिश्तेदारों को उत्तीर्ण किया।
इस कार्रवाई के लिए हम सीबीआइ का अभिनंदन करते हैं। भाजपा ने जिस भ्रष्टचार का बीज बोया था, उसके फलों को सीबीआइ ने चिह्नित किया। उन्होंने कहा कि देश के संघीय ढांचे को भाजपा लगातार तार-तार कर रही है।
अब यह नाटक बंद होना चाहिए। राज्य को जीएसटी का पैसा नहीं मिला। कोरोना काल में भी केंद्र ने राज्य को सकारात्मक सहयोग नहीं किया। अब वे किसानों को धमका रहे हैं।
देश का हर संसाधन बेचने के बाद भाजपा अब किसानी भी बेच देना चाहती है।
ऐसे करते हुए भाजपा एक्सपोज हो चुकी है, इसलिए भाजपा के लोग हताश हैं। प्रदेश भाजपा में तो हताशा और ज्यादा है इसलिए वे सिर कटी लाश पर राजनीति करते हैं और मुख्यमंत्री पर हमले करवाते हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि कोरोना काल में जिस धैर्य, बुद्धि और योजनाबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट का सामना किया वह देश के लिए एक मिसाल है।
उनके नेतृत्व में झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां हर ब्लॉक में कोरोना टेस्ट हो सकता है। वहां ट्रूनेट मशीन है। यह उपलब्धि हेमंत सरकार की है। हम उन महान वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।