पहली बार करने जा रही है तीज का व्रत तो इन बातों का रखें विशेष ख्याल, जानिए व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

हिंदू धर्म में हरितालिका तीज (Hartalika Teej) का निर्जला व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Maa Parvati) की पूजा आराधाना की जाती है।

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Hartalika Teej 2024: हिंदू धर्म में हरितालिका तीज (Hartalika Teej) का निर्जला व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Maa Parvati) की पूजा आराधाना की जाती है।

यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, पारिवारिक सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए रखती हैं। इसके साथ ही अविवाहित कन्याएं भी अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।

अगर आप नवविवाहिता है और पहली बार हरितालिका तीज का व्रत (First Time Teej) रखने जा रही हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

जानिए व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

० इस व्रत का आरंभ सूर्योदय से पहले होता है। महिलाएं स्नान करके साफ वस्त्र इस दिन धारण करती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करती हैं।

Teej

० पूजा के दौरान व्रत लेने वाली महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियों का विधिवत पूजन करती हैं। साथ ही, उन्हें पुष्प, धूप, दीप, चंदन, अक्षत, फल और मिठाई आदि अर्पित करती हैं।

पूजा विधि

व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए। वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए शिव-पार्वती विवाह की कथा आप सुन सकती हैं।

Hartalika Teej 2024

इसके साथ ही गणेश जी की कथा का श्रवण भी आप कर सकते हैं। इसके साथ ही पूजा के दौरान हरितालिका तीज व्रत की कथा भी आपको अवश्य सुननी चाहिए। कथाओं का पाठ करने के बाद आपको अंत में आरती करनी चाहिए और घर के लोगों को प्रसाद का वितरण करना चाहिए।

नव विवाहिता इन बातों का रखें विशेष ख्याल

० व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन गलती से भी कोई तरल पदार्थ न खाएं, क्योंकि यह निर्जला व्रत है ।
० व्रत के दौरान महिलाएं माता पार्वती और शिव जी के मंत्रों का जप कर सकती हैं।
० इस व्रत का पारण अगले दिन, सूर्योदय के बाद पूजा करने के पश्चात करना चाहिए।
० व्रत के समापन पर पहले भगवान को भोग लगाकर उसके बाद महिलाएं जल ग्रहण करती हैं और फल खाती हैं।
० व्रत का पारण करते समय ब्राह्मणों को भोजन कराना और दक्षिणा देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
० व्रत के दौरान बुरे विचारों, क्रोध और अशुद्ध कर्मों को करने से महिलाओं को बचना चाहिए।
० व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं सुहाग सामग्री जैसे- चूड़ियाँ, सिंदूर, बिंदी आदि धारण अवश्य करें।

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