Moon Stone :आज की तारीख में हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानियों के कारण मानसिक तनाव (Mental Stress) में रहते हैं।
जिसके कारण उसका पूरा जीवन प्रभावित रहता है। इन परेशानियों की वजह से इंसान का आत्मविश्वास (Self-confidence) भी कम हो जाता है।
घर में भी कलेश बढ़ जाता है। साथ ही साथ वैवाहिक जीवन (Married Life) पर भी असर डालता है।
रत्न शास्त्र में इस प्रकार के तनाव को कम करने के बारे में बताया गया है।
यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा दूषित हो जाता है, तो आत्म विश्वास कमजोर होने के साथ-साथ मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
वैवाहिक जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है। कुंडली में चंद्रमा (Moon) की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जाते हैं।
यदि आप चाहे, तो इस रत्न को धारण कर सकते हैं। इससे आपको अवश्य लाभ मिल सकता है।
मून स्टोन (Moon Stone) नाम का ये रत्न जीवन में कई परिवर्तन ला सकता है। जानिए Moon Stone पहनने के लाभ और तरीका।
मून स्टोन पहनने से मिलने वाले लाभ
Moon Stoneचंद्रमा को मजबूत करने में काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
Moon Stone को धारण करने से मानसिक तनाव दूर होता है।
Moon Stone को धारण करने से आपके निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
Moon Stone से आत्म विश्वास भी मजबूत होता है।
Moon Stone धारण करने से छिपी क्रिएटिविटी (Creativity) भी बाहर निकलकर आती है।
Moon Stone रत्न धारण करने से व्यापार के साथ-साथ करिअर में भी लाभ मिलता है।
Moon Stone धारण करने से भाग्य का पूरा साथ मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) से छुटकारा मिलता है।
Moon Stone को वह व्यक्ति भी धारण कर सकता है जिस किसी भी चीज का फोबिया होता है।
कब और किस राशि वालों पहने मून स्टोन
Moon Stone का स्वामी चंद्र ग्रह होता है। कर्क राशि के जातकों के लिए यह लाभप्रद बताया गया है।
इसके अलावा लेखक,कलाकार,संगीतकार और अन्य Creative क्षेत्रों से जुड़े लोग भी इसे धारण कर सकते हैं।
रत्न शास्त्र के अनुसार, Moon Stone को सोमवार या फिर पूर्णिमा के दिन पहनना शुभ साबित हो सकता है।
इसे दाएं हाथ (Right Hand) की सबसे छोटी अंगुली (Little Finger) में पहनना शुभ होगा।
मून स्टोन धारण करने की विधि
Moon Stone के रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वा लें। सोमवार की शाम को एक कटोरी में गंगाजल (Gangajal) में इस अंगूठी को डाल दें।
इसके बाद 108 बार ॐ चंद्राय नमः:मंत्र का जाप करें। इसके बाद गंगाजल से अंगूठी को निकालकर पहन लें।