नई दिल्ली: मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित लोगों के लिए यह अच्छी खबर है। इस बीमारी से पीड़ित लोग अब घर में ही मधुमेह से बचाव के लिए औषधी (Medicine) तैयार कर सकते हैं।
इसमें आपको केवल दो चीजों का ही इस्तेमाल करना है और दवा तैयार। वैज्ञानिकों ने बताया कि प्याज (Onion) और एंटीबायोटिक (Antibiotics) का मिश्रण शरीर में मधुमेह का स्तर 50 तक कम कर सकता है। इसे मधुमेह के रोगियों के इलाज के तौर पर देखा जा रहा है।
सैन डिएगो (San Diego) में ‘द एंडोक्राइन सोसाइटी’ (The Endocrine Society) की 97वीं वार्षिक बैठक में पेश किए गए अध्ययन के अनुसार, एंटीडायबिटिक दवा मेटफॉर्मिन (Metformin) के साथ प्याज के छिल्के का अर्क बढ़े हुए शुगर (Sugar) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को काफी कम कर सकता है।
आसानी से उपलब्ध होती है प्याज
नाइजीरिया (Nigeria) के अबराका में ‘डेल्टा स्टेट यूनिवर्सिटी’ (Delta State University) के प्रमुख अध्ययन लेखक एंथनी ओजिह (Anthony Ojih) ने कहा, प्याज सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने वाली खाद्य सामग्री है।
इसे पोषण के रूप इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसमें मधुमेह के रोगियों के इलाज में उपयोग करने की क्षमता है।
चूहों पर परीक्षण करके वैज्ञानिकों ने देखा
शोधकर्ताओं ने चूहों (Rats) पर इसका परीक्षण किया। शोधकर्ताओं ने मधुमेह वाले चूहों के तीन समूहों को प्याज के अर्क और दवा की खुराकें दीं तथा सामान्य ब्लड शुगर वाले नॉनडायबिटिक चूहों के तीन समूहों को भी दवा और प्याज दिया।
ताकि यह देखा जा सके कि यह दवा के प्रभाव को बढ़ाता है या नहीं। उन्हें प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के अनुसार 200एमजी, 400mg and 600mg डोज दिया गया।
इतनी डोज के बाद 35 से 50 घटा शुगर लेवल
शोध के अनुसार, जिन चूहों को मधुमेह था तथा जिन्हें 400 मिलीग्राम और 600 मिलीग्राम डोज दिया गया, उनके ब्लड शुगर में क्रमश 50 और 35 की कमी आई।
प्याज के अर्क ने मधुमेह वाले चूहों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम किया। प्याज के अर्क से नॉनडायबिटिक चूहों (Nondiabetic Rats) में वजन बढ़ गया, लेकिन डायबिटिक चूहों में नहीं।
शोधकर्ताओं ने कहा, हमें उस तंत्र की जांच करने की जरूरत है जिसके द्वारा प्याज ने रक्त शर्करा को कम किया।
बहरहाल, किसी भी बीमारी के बारे में सलाह लेने के लिए सबसे पहले चिकित्सक के पास जाना चाहिए। घरेलू उपचार (Home remedies) कभी-कभी मर्ज को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। ऐसे में लोगों को डॉक्टर से बीमारी के बारे में चर्चा करके ही दवा लेनी चाहिए।