देहरादून: अधिकतर लोग बिना सोचे समझे ही सोशल मीडिया में पोस्ट डाल देते है लेकिन इस मामले में अब उत्तराखंड के लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है।
जाने अनजाने में ही राष्ट्रविरोधी और असामाजिक टिप्पणी आपको भविष्य में दिक्कत में डाल सकती है और आपकों मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस पासपोर्ट आवेदन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय सोशल मीडिया पर भी व्यक्ति का रिकॉर्ड खंगालकर रिपोर्ट लगायेगी और सत्यता पाये जाने पर आवेदन निरस्त किया जायेगा।
इतना ही नहीं, नौकरी में आवेदन के समय भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस बाबत उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने सभी पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
अक्सर यह देखने में आता है कि कई लोग सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर राष्ट्रविरोधी कई पोस्ट करते हैं जिन पर अब लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस देश के खिलाफ सोशल मीडिया में पोस्ट करने वालों पर अब और सख्?त एक्शन लेगी।
हालांकि इससे पहले सिर्फ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता थ, लेकिन अब अगर देश के खिलाफ कोई सोशल मीडिया पर कुछ लिखता है तो उसको यह बहुत भारी पड़ सकता है।
यही नहीं, पुलिस ऐसे पोस्ट करने वालों को पासपोर्ट से लेकर शस्त्र लाइसेंस और नौकरी तक से महरूम कर सकती है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कही यह बात
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि यदि कोई पासपोर्ट या शस्त्र लाइसेंस के लिये आवेदन करता है तो उसकी सोशल मीडिया एकाउंट की रिपोर्ट भी दी जायेगी।
इससे पहले सिर्फ दर्ज मुकदमों की जानकारी दी जाती थी।
अगर कोई भी ऐसी पोस्ट या टिप्पणी उनके द्वारा की गयी है तो उसकी निगेटिव रिपोर्ट लगाकर उसके आवेदन को रद्द करने की संस्तुति की जायेगी।
इस दिशा में सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
इससे साफ जाहिर होता है कि अब उत्तराखंड पुलिस राष्ट्रीय विरोधी तत्वों पर जमकर कार्रवाई करेगी।
सरकार की ट्विटर को चेतावनी, विवादित हैशटैग हटाओ या कार्रवाई के लिए तैयार रहो
नई दिल्ली। किसान के नरसंहार वाले हैशटैग पर कार्रवाई न करने पर केंद्र सरकार द्वारा ट्विटर को नोटिस जारी किया है। बता दें कि ट्विटर पर हैशटैग चलाया गया था।
सरकार ने ट्विटर को ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कहा था, लेकिन ट्विटर ने खुद ही ऐसे अकाउंट बहाल कर दिए।
बताया जा रहा है कि अगर ट्विटर ने जल्द ही केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
ट्विटर को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है, हैशटैग का इस्तेमाल लोगों को उकसाने, नफरत फैलाने के लिए किया गया था और यह तथ्यात्मक रूप से भी गलत था।
यह समाज में तनाव पैदा करने के लिए चलाया गया अभियान था।
नरसंहार के लिए उकसाना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। यह कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।
नोटिस में आगे लिखा गया है, दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा हुई।
सरकार की ओर से विवादित ट्वीट करने वाले अकाउंट्स को ब्लॉक किए जाने के आदेश देने के बावजूद ट्विटर ने अपनी मर्जी से इन अकाउंट्स को दोबारा एक्टिवेट कर दिया।
पहले ट्विटर ने सस्पेंड किए थे 500 अकाउंट्स
इससे पहले 27 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के बाद ट्विटर ने 500 अकाउंट्स को सस्पेंड किया था।
ट्विटर ने कहा था कि इन अकाउंट्स पर लेबल भी लगाए गए हैं।
इस कार्रवाई पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा, दुव्र्यवहार और धमकियों की उनके प्लेटफॉर्म पर कोई जगह नहीं है।