रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति (Justice) डॉ एसएन पाठक की कोर्ट में शुक्रवार को रेलवे में हेड कांस्टेबल (Head Constable) से ASI में प्रमोशन से संबंधित मामले में संजय बैठा की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में साउथ ईस्टर्न रेलवे (South Eastern Railway), कोलकाता के IG, RPF देवेंद्रनाथ भागचंद कसर सशरीर उपस्थित हुए।
उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है। सभी का पेमेंट (Payment) हो गया है।
एक कैंडिडेट (Candidate) का अलग से अपील हुआ था उसका पेमेंट बचा हुआ है। इस पर कोर्ट ने दो सप्ताह में उसका पेमेंट करने का निर्देश दिया और अवमानना को ड्रॉप (Drop) कर दिया।
रेलवे की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई थी
पिछली सुनवाई के दौरान नौ दिसंबर को कोर्ट ने आईजी, आरपीएफ को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया था।
रेलवे में हेड कांस्टेबल से ASI में टाइमबॉन्ड प्रमोशन (Timebond Promotion) को लेकर एक सलेक्शन लिस्ट तैयार की गई थी, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
इसे हाई कोर्ट की एकल पीठ में चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने सलेक्शन लिस्ट (Selection List) को रद्द किए जाने को गलत बताते हुए सलेक्शन लिस्ट की पुनर्बहाली और याचिकाकर्ताओं (Petitioners) को आगे का लाभ देने का निर्देश दिया था।
इसके बाद रेलवे की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई थी।
अपील की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि Timebond Promotion के जितने भी कैंडिडेट थे उनमें से पांच को छोड़कर सब का प्रमोशन रेगुलर बेसिस पर हो चुका है।
इस पर खंडपीठ ने कहा था कि जो बाकी बचे हैं, जिन्हे रिस्टोर नहीं किया गया है उन्हें सीनियरिटी का लॉस हुआ है, इसलिए ऐसे सभी कैंडिडेट को 50- 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए, जिन पांच लोगों का प्रमोशन नहीं हुआ है उन्हें कोर्ट के ऑर्डर के डेट से प्रमोशन दिया जाए।
अगर पोस्ट नहीं है तो नई पोस्ट बनाकर उन्हें प्रमोशन दिया जाए और उनके रिटायरमेंट के बाद वह पोस्ट खत्म हो जाए, ऐसी व्यवस्था की जाए।