Supreme Court Hearing : बुधवार को Supreme Court ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि अवैध भवन निर्माण (Illegal Building Construction) को किसी भी हाल में नियमित नहीं किया जा सकता।
स्थानीय निकाय द्वारा पास नक्शा से हटकर हुए निर्माण और बिना नक्शा स्वीकृति के हुए निर्माण को नियमित करके ऐसा करने वालों को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।
अदालत ने यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने के मामले में जस्टिस महादेवन ने दिया है।
अब झारखंड में भी अवैध भवन निर्माण को नियमित करना संभव नहीं
गौरतलब है कि रांची शहर में लाखों घर ऐसे हैं, जिनका निर्माण बिना नक्शा स्वीकृत कराये किया गया है। करीब आठ साल पहले रघुवर सरकार में ऐसे घरों को नियमित करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाए थे।
हेमंत सरकार के पहले कार्यकाल में भी इस दिशा में आगे बढ़ते हुए नगर विकास विभाग (Department of Urban Development) के अधिकारियों ने कई बैठके की थी। अब सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान आदेश के बाद ऐसा करना संभव नहीं लगता।