जयपुर: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AISC) के राष्ट्रीय अधिवेशन में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) के कार्यान्वयन में बहुत सी चुनौतियां हैं।
बावजूद इसके केंद्र सरकार ने इस ओर कदम बढ़ा दिया है। ABVP को भी कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को लागू कराने में ABVP की महत्वपूर्ण भूमिका है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान अभाविप (Union Education Minister Pradhan ABVP) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को आयोजित प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने ABVP को हनुमान की संज्ञा दी और कहा कि इसके कार्यकर्ताओं में असीम ऊर्जा है। इनके बल को याद दिलाना पड़ता है। यह ऊर्जा संगठनात्मक कार्यों में दिख रही है।
कार्यकर्ताओं ने भारत में हायर एजुकेशन के लिए पढ़ाई कर रहे लगभग चार करोड़ छात्र-छात्राओं में से 45 लाख को सदस्यता दिला दी है। यह वाकई बहुत बड़ा काम है।
शिक्षा से महरूम लगभग 20 करोड़ युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना है
प्रधान ने चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा से महरूम लगभग 20 करोड़ युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना है। वर्तमान में स्कूली छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग 24 करोड़ और हायर एजुकेशन में शिक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग चार करोड़ है।
यह आंकड़ा लगभग 30 करोड़ पहुंचता है, लेकिन भारत में 15 से 23 वर्ष के बीच के युवाओं की संख्या लगभग 50 करोड़ के आंकड़े को छू रहा है। यानी 20 करोड़ युवा शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े ही नहीं।
इन्हें शिक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ABVP कार्यकर्ता ऐसे 20 करोड़ युवाओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे। इनके प्रति करुणा और समर्पण का भाव रखेंगे। उन्होंने 25 से 50 वर्ष के युवाओं के हाथों में देश की बागडोर संभालने की क्षमता का जिक्र भी किया।
दुनिया में बहुत बदलाव आया
उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत बदलाव आया है। देश में भी बदलाव संभव है। ऐसे में इस होने वाले बदलावों पर ABVP के कार्यकर्ताओं की पैनी नजर रहनी चाहिए।
कोई भी बदलाव देशहित में तभी होता है जब वह सकारात्मक दिशा में हो। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि भारतीय सभ्यता का विकास सृष्टि के समय से ही सकारात्मक रहा है।
उन्होंने कहा कि 60-70 के दशक में सड़े गेहूं की आपूर्ति के लिए अमेरिका की ओर टकटकी लगाने वाला भारत अब अमेरिका जैसे देश को दवा की सप्लाई करता है।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने ABVP कार्यकर्ताओं में राष्ट्रीय एकता का भाव भी भरा और कहा कि भाषावाद कभी समस्या रही, लेकिन अब सभी भारतीय भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जा रहा है।
काशी में आयोजित तमिल संगमम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तमिल भाषा को सबसे प्राचीन भाषा बताया था। प्रधान ने वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में होने वाले ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा कि तब जयश्रीराम के नारे लगाए जाते थे। ABVP का वह सपना पूरा हो रहा है। काशी में भी भव्य मंदिर निर्माण हो चुका है। यद रखिये, ABVP को विश्व की नई परिभाषा लिखनी है।