इस्लामाबाद: इमरान खान सरकार के लिए खतरा हर गुजरते घंटे के साथ लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि सहयोगी दल उनका साथ छोड़ रहे हैं और विपक्षी खेमे में शामिल हो रहे हैं।
पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने भी खान के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। विपक्षी दलों द्वारा जरूरी ताकत हासिल करने के साथ, खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में सहजता से पारित होने की संभावना है। हालांकि, खान सत्ता में बने रहने की आखिरी कोशिशों में जुटे हुए हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में बने रहने के हताश प्रयासों के साथ खान सभी प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने विभिन्न युक्तियों का सहारा लिया है, जिसमें विपक्षी दलों को धमकी देना, अपने समर्थकों को ताकत दिखाने के लिए उकसाना, उनकी सरकार गिराने के लिए विदेशी हाथ को दोष देना, काला जादू आदि शामिल है।
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 155 सीनेटर हैं। अभी तक उन्होंने छोटे दलों की मदद से सरकार चलाई है।
खान सरकार की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने बुधवार को विपक्षी खेमे में जाने और अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला किया।
इससे नेशनल असेंबली में सत्तारूढ़ दल के पास संख्या बल घटकर 164 रह गया, जबकि विपक्ष की ताकत 177 हो गई है।
इसका मतलब है कि खान को अविश्वास प्रस्ताव को बेअसर करने के लिए 172 वोट नहीं मिल सकते।
प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा, इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं। वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं।
ऐसी खबरें भी सामने आ रही थीं कि खान लोकतांत्रिक दुनिया में बने एक आदर्श के अनुसार, एमक्यूएम-पी की समर्थन वापसी के बाद इस्तीफा दे देंगे।
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल और बलूचिस्तान अवामी पार्टी जैसे अन्य सहयोगी पहले ही पीटीआई सरकार छोड़ चुके हैं।
हालांकि, खान ने अपनी कुर्सी जाने की स्पष्टता के बावजूद आशान्वित रहने का फैसला किया है बल्कि उन्होंने देश में सियासी घमासान के बीच बुधवार को कैबिनेट की विशेष बैठक की।
पीटीआई प्रवक्ता नीलम इरशाद शेख ने कहा, पीएम इमरान खान पद नहीं छोड़ रहे हैं। वह एक निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं। वह अपनी आखिरी गेंद तक खेलेंगे।
खान ने मैच के अंत तक अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है। यह तब स्पष्ट हुआ, जब उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के लिए सीनेटरों को निर्देश जारी किए। उन्होंने उनके निदेर्शो का पालन करने में विफल रहने पर दलबदल के लिए दंड की चेतावनी भी दी।
हाल ही में, खान ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाने के बाद विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने उन्हें भ्रष्ट, गुंडा और अपराधी कहा।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर कटाक्ष करते हुए खान ने कहा, एक गीदड़ कैसे नेता बन सकता है? क्या आपने कभी किसी ऐसे नेता के बारे में सुना है, जो अपने पैरों के बीच अपनी पूंछ दबाकर भाग जाए?
उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव विफल होने की स्थिति में विपक्षी नेताओं को नकारात्मक परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है।
विपक्षी नेताओं ने खान की धमकियों और देश को ठीक से चलाने को लेकर उनकी विफलता के लिए उनकी कड़ी आलोचना की है।
पीएमएल-एन नेता और नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने ट्वीट किया, क्यों टूट रहे हो और उन्मादी नजर आ रहे हो इमरान खान? अभी तो खेल शुरू हुआ है यार. और आप इसे पहले ही खो चुके हैं! कुछ खिलाड़ी भावना दिखाओ!
बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पाकिस्तान में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए खान की आलोचना की और उन पर अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं होने देने का आरोप लगाया।
यहां तक कि पीएमएल-एन ने आरोप लगाया कि खान की पत्नी बुशरा बीबी खान को अपना सिंहासन बचाने में मदद करने के लिए काले जादू का इस्तेमाल कर रही थीं।
खान ने यह भी चेतावनी दी थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से एक दिन पहले उनके हजारों समर्थक राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में धावा बोल देंगे।
विपक्ष पर दबाव बनाने के एक हिस्से के रूप में इस्लामाबाद पुलिस का इस्तेमाल नेशनल असेंबली पर छापा मारने के लिए किया गया था। इसने दो सीनेटरों सहित 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा कि इमरान खान द्वारा बल प्रयोग से पाकिस्तान में हिंसा हो सकती है, क्योंकि सरकार धमकियों और दमन की रणनीति का सहारा ले रही है।
एचआरडब्ल्यू ने कहा, पाकिस्तान की लोकतांत्रिक संस्थाएं एक नए खतरे का सामना कर रही हैं। स्थिति खतरनाक टकराव में बदल सकती है।
इसने खान सरकार को याद दिलाया कि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि कोई हिंसा न हो।
हालांकि इमरान खान सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने एक विदेशी साजिश को दोषी ठहराया जिसका उद्देश्य उनकी सरकार को गिराना था।
उन्होंने दावा किया कि साजिश के लिए धन विदेशों से पाकिस्तान को भेजा गया है। खान अपने मंत्रियों और पत्रकारों के साथ साजिश का विवरण साझा करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि उनके पास एक पत्र है, जिसमें सबूत हैं कि बाहरी ताकतें उनकी सरकार को गिराना चाहती है।
खान ने एक सार्वजनिक भाषण में कहा, हम इस साजिश के बारे में महीनों से जानते हैं। हम उन लोगों के बारे में भी जानते हैं जिन्होंने इन लोगों (विपक्षी दलों) को इकट्ठा किया है। हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।
यह सब एक स्पष्ट संकेत देता है कि खान सत्ता में बने रहने के लिए कितनी मजबूती से कोशिश कर रहे हैं, हालांकि पाकिस्तान में उनके खिलाफ विपक्ष की आवाज अब तेज होती जा रही है।