बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीएम की पाठशाला लगी। मुख्यमंत्री पाठशाला में भूपेश बघेल ने बच्चों की बात सुनी और उनके सवालों को जवाब दिए। बच्चों के मन में मुख्यमंत्री जैसा बनने की जिज्ञासा साफ नजर आई और वह मंत्र भी जाना जिससे वे उन जैसे बन सकें।
मुख्यमंत्री बघेल शुक्रवार को बिलासपुर प्रवास पर थे। इस दौरान रोचक नजारा तब देखने को मिला, जब डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम में सीएम की पाठशाला लगी।
इस पाठशाला में मुख्यमंत्री बघेल स्कूली विद्यार्थियों के बीच पहुंचे और उनके सवालों का जवाब दिया।
सीएम की पाठशाला के दौरान मुख्यमंत्री बघेल के व्यक्तित्व से प्रभावित एक छात्रा ने उनसे पूछा कि, सर आपके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?
इस पर मुस्कुराहट के साथ मुख्यमंत्री ने बड़ी सहजता से जवाब दिया कि, कभी आपके सामने कोई चुनौती आए उससे भागना नहीं चाहिए, पलायन करना कोई समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का सामना करना चाहिए।
आपसे समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो अपने बड़ों से, गुरु से पूछें। लेकिन जब तक समाधान न मिल जाए इस दिशा में लगातार प्रयास करना चाहिए।
वहीं दूसरी बात यह कि चीजों को सरलतापूर्वक लेना चाहिए। स्वयं के भीतर दूसरों के मदद की प्रवृत्ति विकसित करें।
एक अन्य छात्रा ने तत्काल दूसरा सवाल किया कि, सर आपके आदर्श कौन हैं? इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने थोड़ा ठहरते हुए कहा कि, हिंदुस्तान में इतनी विभूतियां हैं कि किसी एक का नाम लेना उचित नहीं होगा, लेकिन यदि मैं आध्यात्मिक रूप से कहूं तो रामकृष्ण परमहंस हैं।
राजनीतिक रूप से कहूं तो पूर्व सांसद स्व. चंदूलाल चंद्राकर रहे हैं, जिनकी ऊंगली पकड़कर राजनीति की शुरूआत हुई।
फिर दिग्विजय सिंह मिल गए और प्रदेशाध्यक्ष बना तो राहुल गांधी का बड़ा योगदान रहा।
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरकण्डा की कक्षा 11वीं की छात्रा चंचल राजपूत ने मुख्यमंत्री से पूछा कि मेरा अगले साल बोर्ड एग्जाम है, तो मुझे कैसे पढ़ाई करनी चाहिए।
इस पर बघेल ने कहा कि सबसे पहले अपने ऊपर से दबाव हटा दीजिए। आप प्रतिदिन पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा के दिनों में दवाब में नहीं आएंगे।
आपको यदि एग्जाम फीवर से बचना है तो, आपको पहले ही दिन से पढ़ाई करनी होगी। प्रतिदिन टाईम टेबल बनाकर सभी विषयों को पढ़िए।