जमशेदपुर: Maoists (माओवादियों) के खिलाफ लगातार झारखंड में पुलिस (Jharkhand Police) की कार्रवाई जारी है। अब इस कड़ी में उनको किसी भी प्रकार की मदद पहुंचाने वालों पर भी पुलिस सख्त कार्रवाई करने लगी है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों के लिए वर्दी तैयार करने वाले दर्जियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
ऐसे में अब Naxalites के सामने वर्दी का संकट भी उत्पन्न हो गया है। माओवादियों (Maoists) के दस्ते तक पहुंचने का तीन साल से पुलिस प्रयास कर रही है।
इसका नतीजा है कि वर्दी सिलाना तक उनके लिए मुश्किल हो गया है। राज्य के दूसरे माओवादियों की वर्दी से अलग है वर्दी
पहले पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में बनती थी
CPI माओवादियों में बंगाल झारखंड ओडिशा रिजनल कमेटी (Jharkhand Odisha Regional Committee) की वर्दी देश के दूसरे माओवादियेां के दस्ते से अलग है। उनकी वर्दी का रंग काला होता है। सेंट्रल कमेटी की तरफ से जोन में हरे रंग की वर्दी भेजी जाती है। बंगाल झारखंड ओडिशा रिजनल कमेटी (Jharkhand Odisha Regional Committee) की वर्दी पहले पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में बनती थी।
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया
वहां लगातार Naxalites के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद वर्दी बननी बंद हो गई। उसके बाद हर एरिया कमेटी की जिम्मेदारी बन गई कि वे अपने दस्ते को अपने खर्च पर ही वर्दी, बेल्ट व टोपी मुहैया कराएंगे। बता दें कि हाल ही में Naxalites के कब्जे वाले बूढ़ा पहाड़ को पुलिस ने मुक्त कराया है।
अब यहां पर सुरक्षाबलों का बड़ा कैंप तैयार कर दियागय है। यहां पर लगातार अब जवानों का डेरा रहता है। जिस समय बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया गया था, उस समय सेना का Helicopter भी उस स्थान पर उतरा था।